भोपाल. मध्यप्रदेश में एक बार फिर से शराब को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में शराब एमआरपी रेट से ज्यादा बेची जा रही है। वहीं, वाणिज्यकर मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि अगर राज्य में एमआरपी से ज्यादा रेट में शराब बेची गई तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिकायत पर होगी कार्रवाई दरअसल, राज्य में एमआरपी से ज्यादा कीमत में शराब बेची गई तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि ठेकेदारों द्वारा एमआरपी से अधिक दर पर शराब विक्रय करने की कोई शिकायत उपभोक्ता द्वारा किए जाने पर संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार द्वारा कोरोना कंट्रोल करने के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत शराब दुकानें बंद करने के आदेश जारी किए गये थे। कांग्रेस ने लगाया था आरोप दरअसल, कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने आरोप लगाया था कि सरकार और शराब ठेकेदारों की मिली भगत से प्रदेश में शराब एमआरपी से ज्यादा दामों पर बेची जा रही है। कांग्रेस सरकार ने शराब को दुकानें आवंटित की गई थी, उनमें से 70 प्रतिशत ठेकेदार दुकान छोड़ चुके हैं। वहीं, दूसरी तरफ आबकारी विभाग द्वारा ऑनलाइन शराब परमिट में परिसर में किसी भी स्थिति में अंकित जानकारी को परिवर्तित नहीं करने के लिये कहा गया है। इस संबंध में आबकारी आयुक्त ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। पत्र में कलेक्टरों से कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ आबकारी स्टाफ को निर्देशित करें कि रोड चेकिंग के दौरान यह सुनिश्चित किया जाये कि ऑनलाइन जारी किये गये परमिट पर अंकित जानकारी या विवरण को परिसर में हाथ से परिवर्तित तो नहीं किया गया है। आबकारी आयुक्त ने इस संबंध में प्रदेश की सभी विनिर्माणी इकाइयों/मदर डिपो/देशी, विदेशी मद्य भाण्डागार के प्रभारी अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि जारी किये जाने वाले ऑनलाइन परमिट में परिसर में किसी भी स्थिति में अंकित जानकारी को हाथ से परिवर्तित न किया जाये।