सचिन पायलट और उनके गुट के 18 विधायकों के मानने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार का संकट फिलहाल टल गया है। अब बयानों का दौर चल रहा है। पायलट ने मंगलवार को कहा कि अशोक गहलोत मुझसे बड़े हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे भी काम के मुद्दे उठाने का हक है। पायलट ने यह बात गहलोत के उस बयान के रेफरेंस में कही, जिसमें गहलोत ने पायलट को निकम्मा कहा था।
पायलट ने कहा कि राजनीति में निजी दुश्मनी की कोई जगह नहीं होती। सोमवार की मीटिंग में राहुल और प्रियंका ने हमारी शिकायतों को ध्यान से सुना और आपत्तियां दूर करने के लिए रोडमैप तैयार करने का भरोसा दिया।
पायलट ने कहा- लड़ाई आदर्शों पर थी
- सचिन पायलट ने कहा, ‘‘लंबे समय से कुछ मुद्दों को मैं उठाना चाहता था। शुरू से ही कह रहा हूं कि ये लड़ाई आदर्शों पर थी। मैंने हमेशा ही सोचा था कि पार्टी हित में इन मुद्दों को उठाना जरूरी है। सोनिया जी ने परेशानियों और सरकार की समस्याओं को सुना। लगता है कि जल्द ही मुद्दों को हल किया जाएगा।’’
- उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने मेहनत की है, उनकी सरकार में भागीदारी हो। लड़ाई पद के लिए नहीं, आत्मसम्मान के लिए थी। पार्टी पद देती है, तो पार्टी पद ले भी सकती है। उन्होंने कहा कि जो वादे सत्ता में करके आए थे, वो पूरा करेंगे।’’
‘सोनिया-राहुल ने मेरी बात सुनी’
पायलट ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ बहुत कुछ कहा गया। मैंने आलाकमान को सब बताया है। मुझे खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी ने मेरी बात सुनी। पिछले कुछ समय से हमारे साथी विधायक दिल्ली आए हुए थे। हम लोगों के सरकार और संगठन के कई मुद्दे थे, जिन पर हम बात करना चाहते थे। व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए कुछ ऐसी बातें बोली गईं जिस पर मुझे आश्चर्य हुआ। मुझे भरोसा दिया गया है कि तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जल्द ही उन तमाम मुद्दों का निराकरण किया जाएगा, जो हमने उठाए हैं।’’
बागी विधायकों से मिली कमेटी
प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल की कमेटी ने सोमवार रात दिल्ली में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों से बातचीत की। इससे पहले, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम गहलोत से भी बात की थी।