भोपाल। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के साथ दिव्यांगों ने भोपाल में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ मोहन यादव से अध्यक्ष मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश (दिव्यांग सहायक प्रध्यापक आरक्षण) का परिपालन करते हुए चयन सूची जारी करने के लिए निर्देशित करने की माॅग की।
दिव्यांग सहायक प्रध्यापकों की चयन सूची जारी करने के लिए राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ,मध्यप्रदेश शाखा के साथ दिव्यांग आज उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ मोहन यादव से भेट की तथा ज्ञापन दिया जिसमें अध्यक्ष मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को चयन सूची जारी करने के लिए निर्देशित करने की माॅग की ताकि दिव्यांगो को रोजगार मिल सके।
दिव्यांगजन लगभग एक वर्ष से मानसिक,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।इस वैश्विक विपत्ति के समय दिव्यांगों को रोजगार की आवश्यकता है । उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ मोहन यादव का कहना है कि उन्हें दिव्यांगजनो के प्रति संवेदनशीलता है और इस विषय मे अध्यक्ष मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को दिव्यांग सहायक प्रध्यापकों की चयन सूची जारी करने के लिए निर्देशित करेंगे।
श्री शिवराज सिंह चौहान (मुख्यमंत्री नही थे) से चयन से बाहर होने पर दिव्यांग अभ्यर्थियों ने मुलाकात की थी तब उनका कहना था कि अभी उनकी सरकार नहीं है नही तो हम दिव्यांगो के साथ अन्याय नही होने देते। अब मध्यप्रदेश मे शिवराज सरकार से दिव्यांगो के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्दी नियुक्ति की माॅग है।
आज भी दिव्यांगजन मानसिक ,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हैं। जबकि जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश MCC /938 दिनांक 06/07/2020 को जिसमें हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को दिनांक 7-9-2020 तक चयन सूची जारी कर नियुक्ति देने को कहा है।जबकि पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट का WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश दिव्यांगो को पक्ष में आया था जिसमें सरकार को एक माह मे दिव्यांगो को नियुक्ति कुल केैडर इस्टैन्थ का 6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों को दिव्यांग अभ्यर्थियों की अलग चयन सूची बनाने को कहा था(आदेश के पृष्ठ 21 पर WP/19393 दिनांक 29-4-2020)।
मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल ने दिव्यांगो के पदो की जानकारी मई माह मे ही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेज दी थी परन्तु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने महिला आरक्षण का मुद्दा जो कोर्ट मे लंबित होने के कारण दिव्यांगो के चयन की सूची आज दिनांक तक जारी नही की है।जबकि दिव्यांग आरक्षण और महिला आरक्षण दोनों अलग विषय है दोनों आरक्षण एक दूसरे को प्रभावित नहीं करते हैं।अधिकतर दिव्यांग अभ्यर्थी बेरोजगार है जिन्हें जीवन यापन के लिए रोजगार की आवश्यकता है।
ऐसे में आज भी दिव्यांगजन मानसिक,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहें हैं जिन्हें रोजगार की आवश्यकता है।10 विषयों में ही दिव्यांग प्रभावित हुए हैं जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है तथा सरकार को लगभग 90 पद दिव्यांगो को वर्तमान मे देने है जबकि अन्य में विषयो में दिव्यांग अभ्यर्थी नहीं हैं।सरकार चाहे तो इन विषयों मे लगभग 90 पद दिव्यांगो को नियुक्ति देकर शेष पद कैरीफोर्वर्ड कर आगामी विज्ञापन मे दे सकती है।दिव्यांग अभ्यर्थी ऐसे भी है(34 पूर्व चयनित अभ्यर्थी) जिनका मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समस्त दस्तावेजों का भोपाल में वेरीफिकेशन भी कराया जा चुका है।उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ मोहन यादव से राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के सदस्यों के साथ डाॅ शिवेंद्र सिहं परिहार,डाॅ बबीता राठौर व अन्य दिव्यांग अभ्यर्थियों ने मुलाकात की।
आज उच्च शिक्षा मंत्री ने वैश्विक विपत्ति के समय दिव्यांगो के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए नियुक्ति दिलवाने के लिए चयन सूची जारी करने के लिए निर्देशित करने की बात कही है। दिव्यांगजनो के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के लिए उनका आभार व धन्यवाद।
-: महासचिव,राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ,मध्यप्रदेश
कृपया कर अध्यक्ष मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, से दिव्यांगो की चयन सूची जारी करवाने की कृपा करें जिसके लिए दिव्यांगजन सदा आपके आभारी रहेंगे ।उच्च शिक्षा मंत्री जी आपसे दिव्यांगजनों को न्याय की उम्मीद है।
:- डाॅ शिवेंद्र सिहं परिहार(दिव्यांग अभ्यर्थी)