4 जिलों में 7 एटीएम ब्लास्ट कर 46 लाख लूटने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड इंजीनियर देवेंद्र पटेल पुलिस को चकमा देकर दमोह के सरकारी अस्पताल से बीती रात फरार हो गया। देवेंद्र को कुछ दिन पहले ही उसके पांच अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे जिला जेल भेजा गया था, जहां उसकी कोरोना जांच हुई थी, इसमें वह पॉजिटिव निकला था। जिला जेल प्रशासन की ओर से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसकी सुरक्षा के लिए तीन जेल प्रहरी तैनात किए गए थे।
सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात देवेंद्र पटेल अस्पताल से फरार हो गया। पुलिस की छह टीमें आरोपी की तलाश में लगी हैं। फिलहाल, उसका कोई सुराग नहीं लगा है। करीब 15 दिन पहले देवेंद्र को 6 साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पुलिस ने लूट के 25 लाख 57 हजार रुपए नगद, दो देशी पिस्टल, 3 लाख 50 हजार रुपए के नकली नोट, एक कलर प्रिंटर, तीन बाइकें, दो मोबाइल, जिलेटिन राड और लैपटॉप जब्त किए थे। इस गिरोह ने दमोह में 2, जबलपुर में 2 ,कटनी में 2 और पन्ना में एक एटीएम बूथ में विस्फोट में करके लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
कब कहां एटीएम बूथ में की वारदात
6 जून को जबलपुर के नुनसर में, 25 अक्टूबर 2019 को कटनी के बहोरी बंद में, 11 नवंबर 2019 को कटनी के बाकल में, 22 जनवरी 2020 को जबलपुर के मझौली में, 3 मार्च 2020 को दमोह जिले के देवडोंगरा में, 17 मई को दमोह जिले के हिनौताकलां में और 19 जुलाई को पन्ना जिले के सिमरिया में आरोपियों ने एटीएम बूथ में विस्फोट करके लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस ने जब देवेंद्र को गिरफ्तार किया था तब उसने पत्रकार वार्ता में हाथ उठाकर बताया था कि वो आईटी एक्सपर्ट और सिविल इंजीनियर है।
आरोपी बोला- मैं सिविल इंजीनियर और आईटी एक्सपर्ट हूं
देवेंद्र की गिरफ्तारी के समय आईजी ने प्रेस वार्ता के दौरान जैसे ही आरोपियों को देखा, उन्होंने तुरंत पूछा- इनमें सिविल इंजीनियर कौन है तो देवेंद्र ने तुरंत हाथ खड़ा करके बता दिया। दरअसल, यह आरोपी कई वारदातों में शामिल रहा है। किसी ने क्राइम पेट्रोल और यूट्यूब पर एटीएम बूथ ब्लास्ट करने और उनमें रखे रुपयों की लूट करने की तरकीब निकाली थी। पुलिस अब आरोपियों के पास बरामद हुए नकली नोटों को लेकर नई खोजबीन में जुट गई है
डेटोनेटर से एटीएम में विस्फोट करते थे, इससे खुल जाती मशीन
देवेंद्र सिविल इंजीनियर होने के साथ आईटी के मामले में भी एक्सपर्ट है। वारदात के दौरान काेई भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था। उनके निशाने पर एक विशेष कंपनी की एटीएम बूथ पर रहती थी। इस बूथ में डेटोनेटर से विस्फोट करने से मशीन आसानी से खुल जाती थी और रुपए निकालकर आरोपी भाग जाते थे। वारदात से पहले वे सीसीटीवी कैमरे से स्प्रे करते थे, ताकि कुछ दिखाई न दे। कई जगह स्थिति बिगड़ने पर वे पिस्टल का सहारा लेकर लोगों को धमकाते थे। आरोपियों ने लूट का तरीका यूट्यूब देखकर सीखा था।