योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आईपीएल 2020 की स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगाने पर विचार कर रही हैं। आईपीएल के मुख्य प्रायोजक चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो के हटने के बाद यह फैसला लिया गया है। पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि हम आईपीएल को इस साल प्रायोजित करने की सोच रहे हैं, ताकि पतंजलि को ग्लोबल मार्केट मिल सके। बीसीसीआई और वीवो ने भारत और चीन की सीमा पर हुई सैनिकों की भिड़ंत के कारण चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की बातों के चलते 2020 आईपीएल के लिए अपनी भागीदारी निलंबित करने का फैसला किया, जो 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हो रही है।
पतंजलि के प्रवक्ता ने इकोनॉमिक टाइम्स के साथ इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पतंजलि बीसीसीआई को एक प्रस्ताव भेजने पर विचार कर रही है। मार्केट के जानकारों का मानना है कि पतंजलि चीन की वीवो कंपनी को रिप्लेस कर सकती है।
ब्रांड रणनीतिकार हरीश बिजूर ने कहा, ''आईपीएल के छोटे प्रायोजक होने से आईपीएल से ज्यादा पतंजलि का फायदा होगा। राष्ट्रीय नजरिये से भी यह उनके लिए उपयोगी होगा, क्येंकि भारत में इस समय चीन विरोधी लहर चल रही है।''
इस साल आईपीएल यूएई में खेला जाना है। वहां स्टेडियम में दर्शक नहीं होंगे। बावजूद इसके मीडिया पर इसके असंख्य विज्ञापन होंगे। वीवो के हाथ खींच लेने के बाद बीसीसीआई नए प्रायोजक तलाश कर रही है। कई नाम उनके जेहन में हैं- जिओ, एमेजन, टाटा ग्रुप, ड्रीम इलेवन, अडानी ग्रुप और एजुकेशन स्टार्ट अप बाइजस जैसे नाम प्रायोजक के रूप में सामने आए।
बाबा रामदेव के नेतृत्व में पतंजलिआयुर्वेद भी इसी कड़ी में सामने आया है। जून की शुरुआत में बाबा रामदेव कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल बनाकर काफी विवादों में आए थे। आयुष मंत्रालय ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी। उनका कहना था कि कोरोनिल इम्यूनिटी बूस्टर है, कोविड- 19 की दवा नहीं।
टाइटल प्रायोजन आईपीएल के व्यवसायिक राजस्व का अहम हिस्सा है, जिसका आधा भाग सभी आठों फ्रेंचाइजी में बराबर बराबर बांटा जाता है। वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये में (प्रत्येक वर्ष 440 करोड़ रुपए) आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे। अगले साल वीवो मुख्य प्रायोजक के रूप में लौट सकती है।