राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश रचने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यू-र्टन लेते हुए एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान से संपर्क साधा है। गहलोत सरकार की ओर से दर्ज राजद्रोह की केस फाइल एसओजी की ओर से बंद किए जाने को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किसी बड़े गेम प्लान की अटकलों के बाद अब पायलट ने नया दांव खेला है। पायलट ने अब राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी से बगावत करने वाले 18 विधायकों के साथ पायलट ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें राहुल की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ऑफिस की ओर से पायलट को अभी तक समय नहीं दिया गया है। कांग्रेस के दरवाजे बंद! राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्य गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने रविवार को ही पायलट खेमे को लेकर पार्टी का रुख साफ कर दिया है। विधायक दल की बैठक में पायलट खेमे के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। हालांकि इसके बाद पायलट खेमे को छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाले विधायकों के फिर से पार्टी में स्वागत वाले बयान भी सामने आए। लेकिन अब राहुल गांधी की ओर से अभी तक समय नहीं दिए जाने को लेकर चर्चा है कि सचिन पायलट के लिए अब राजस्थान कांग्रेस के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। विधायक दल की बैठक में उठी पायलट खेमे के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार को गिराने की साजिश के बाद आलाकमान भी सख्त बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को पिछले महीने कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं और आलाकमान की ओर से भी मनाने की कोशिश की गई। लेकिन पिछले एक महीने से पायलट की हरकतों से अब आलाकमान भी अब मानस बना चुका है कि पायलट की वापसी के रास्ते बंद कर दिए जाएं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पायलट पर सीधा हमला किए जाने के बाद पायलट को फिर से राजस्थान में भेजना भी पार्टी में एकजुटता बनाए रखना आसान नहीं होगा। ऐसे में पार्टी ने अब पायलट से दूरी बनाना ही उचित समझा है। चुप्पी तोड़ ऐसे मैदान में उतरी BJP, पढ़ें-क्या है प्लान उधर, राजस्थान में पिछले एक महीने से जारी सियासी घमासान में अब भारतीय जता पार्टी भी खुलकर मैदान में आ गई है। सरकार पर मंडराते खतरे और राजनीतिक संकट को अब तक कांग्रेस की अंदुरुनी लड़ाई बताते हुए चुप्पी साधने वाली बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप झेल रही पार्टी अब खुद के विधायकों में सैंधमारी की बात कह रही है। यही कारण है कि डेढ़ दर्जन बीजेपी विधायकों को गुजरात में बाड़ाबंदी में रखा गया है। कुल 75 विधायक (इनमें 3 आरएलपी विधायक भी शामिल) वाली पार्टी को अब सैंधमारी का डर सताने लगा है। और यही कारण है कि 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले सभी विधायकों से सीधा संपर्क साधा जा रहा है। उन्हें जयपुर शिप्ट करने की तैयारी भी लगभग पूरी कर ली गई हैं।