जिले में अगस्त के महीने में कोरोना ब्लास्ट जारी है। पूरे कोरोनाकाल में पहली बार रविवार को मरीजों का आंकड़ा 208 पर पहुंचा। इससे पहले 14 अप्रैल को 206 मरीज मिले थे। 16 अप्रैल को भी प्रशासन ने 244 मरीज बताए थे, पर वे दिल्ली की टेस्ट रिपोर्ट और दो दिन के बैकलॉग को एक साथ देने से आए थे। इसके साथ अगस्त के सिर्फ 9 दिन में ही मरीजों की संख्या 1276 हो गई है, जबकि कुल मरीज 8724 हो गए हैं। रविवार को पॉजिटिव रेट 8.32 पर पहुंच गया। इसी बीच वंदे भारत मिशन के तहत रविवार रात स्पेशल फ्लाइट अबूधाबी से इंदौर पंहुची। फ्लाइट में कुल 114 यात्री आए हैं। इनमें 64 इंदौर के हैं। सभी की विमानतल पर ही स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद बाहर के यात्री अलग-अलग जिलों के लिए रवाना हो गए। ये सभी कोरोना संकट के चलते लंबे समय से विदेश में ही फंसे हुए थे। इंदौर के सभी यात्रियों को होटल में क्वारैंटाइन किया गया है।
बात करें अगस्त की तो शुरुआत से ही मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया। सिर्फ शुक्रवार, शनिवार और रविवार के मरीज जोड़ें तो 565 हो जाते हैं। सिर्फ 2 और 3 तारीख को मरीजों की संख्या दहाई में थी, बाकी दिन 100 से अधिक ही मरीज मिले हैं। रविवार रात 2498 मरीजों की रिपोर्ट आई। इसमें 2274 मरीज निगेटिव पाए गए। 16 रिपीट पाॅजिटिव रहे। जिले में अब तक 1 लाख 57 हजार 63 मरीजों के सैंपल जांचे जा चुके हैं। संक्रमित पाए गए 8724 मरीजों में 5961 कोरोना काे मात देकर अपने घर लौट चुके हैं। वहीं, 333 मरीज की जान जा चुकी है। अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में 2430 मरीज भर्ती हैं। होटल, गार्डन में क्वारैंटाइन 5555 लोग घर लौट चुके हैं।
कनफेक्शनरी कारोबारी के परिवार में 7 पॉजिटिव, सुभाष नगर में एक ही घर में 8 मरीज मिले
रविवार को मां विहार कॉलोनी में स्थित एक कन्फेक्शनरी कारोबारी के परिवार में 7 लोग संक्रमित हो गए। इनके परिवार के और भी दो-तीन घर हैं, जहां सैंपलिंग की गई है। सुभाष नगर के एक घर से भी 8 पॉजिटिव आए हैं। इसके अलावा मांगलिया में 9 ओल्ड पलासिया में 7, गोकुल रेसीडेंसी रेसकोर्स रोड में 6, मारुति नगर, लवकुश, वीणा नगर में 10, महेश नगर में 4, गिरधर नगर गीता भवन में 4, वसंत विहार में 3 और बायपास की अलग-अलग टाउनशिप में भी मरीज सामने आए हैं।
होम आइसोलेशन में 25 फीसदी मरीज, अस्पतालों में 1212 बेड्स भरे, 1445 खाली
शहर में कोरोना के मरीज भले ही बढ़ रहे हों, पर होम आइसोलेशन और लक्षणों के आधार पर अलग-अलग उपचार सुविधा होने से बेड्स की स्थिति नियंत्रण में है। सरकारी और निजी अस्पतालों में फिलहाल आईसीयू, एचडीयू, ऑक्सीजन के कुल 2667 बेड्स हैं और इसमें 1212 यानी 45 फीसदी भरे हैं। सरकारी अस्पतालों में जहां 58 फीसदी बेड खाली हैं तो निजी में ये आंकड़ा 35 फीसदी है। हालांकि सरकारी व निजी दोनों ही अस्पतालों में आईसीयू बेड्स को लेकर दबाव आ रहा है। सरकारी व निजी दोनों मिलाकर 329 आईसीयू बेड्स हैं, जिसमें से 64 फीसदी यानी 209 भर चुके हैं और सिर्फ 120 खाली हैं। उच्च तबके में संक्रमण फैलने से निजी अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं।
ज्यादा सैंपल होने पर सिर्फ सुप्रा टेक लैब करेगी जांच, 1980 रुपए दर तय
सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के सैंपल्स बढ़ने पर उनकी जांच अब सिर्फ सुप्रा टेक लैब में ही हो सकेगी। इसके लिए लैब को 1980 रुपए का भुगतान किया जाएगा। पूर्व में 2500 रुपए और 4500 रुपए की दर तय थी। शहर में सेंट्रल लैब, सोडानी डायग्नोस्टिक सेंटर, अरबिंदो अस्पताल और स्टर्लिंग लैब में भी जांच की जा रही है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज क्षमता से अधिक सैंपल आने पर इन सभी को सैंपल देता था, पर अब सैंपल्स सिर्फ एक ही लैब में जाएंगे। इधर, निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले हर मरीज की जांच इन लैबों में ही हो रही है, जहां उनसे 4500 रुपए तक शुल्क लिया जा रहा है।