रतलाम. कोरोना वायरस को बढऩे से रोकने के लिए लॉकडाउन लगा। कोरोना वायरस ने सिर्फ आमजन के जीवन में आर्थिक मोर्चे पर असर डाला हो ऐसा नहीं है। इसने घरों में मानसिक तनाव को भी बढ़ाया है। कोरोना वायरस के आने के पहले तक जहां रतलाम में मानसिक तनाव के प्रतिमाह करीब 8 से 10 मामले आते थे वही कोरोना काल में यह बढ़कर यह संख्या प्रतिमाह बढ़कर 20 से 22 मरीजों के हो गए है। इसमे भी पति पत्नी के बीच होने वाले विवाद की संख्या अधिक है। इसमे पति की रोज नई डिश खिलाने की मांग से पत्नी के तनाव में आने का मामला सामने आया है।
केस एक
शहर के मोहन नगर में रहने वाली एक पत्नी अचानक उदास रहने लगी। अकेले कमरे में रहती। परिवार से दूरी बना ली। हमेशा पॉजिटिव सोच वाली महिला के नकारात्मक सोच व अकेले रहने की आदत ने पति को चिंतित किया। इसके बाद जब महिला को पति चिकित्सक के पास लेकर गया। बाद में पता चला कि लॉक डाउन में पति के लगातार घर में रहने व भोजन की फरमाईश ने महिला को तनाव में ला दिया था। इसके बाद महिला की काउंसलिंग चिकित्सक की मदद से की गई। इसके बाद महिला के जीवन में तनाव कम हुआ।
केस दो
हमेशा परिवार व दोस्तों के बीच हसमुंख रहने वाले अजंता टाकिज रोड का एक युवक पिछले माह से चुपचुप रहने लगा। अकेले में रहने की आदत हो गई। जब परिवार ने बात की तो सामने आया कि युवक को अपने केरियर की चिंता सताने लगी थी। कोरोना काल में जब वैंकेसी नहीं निकल रही तो केरीेयर किस तरह बनेगा यह सोच 18 वर्ष के युवा पर हावी होने लगी थी। इसके बाद चिकित्सक की मदद ली गई। युवक को समझाया गया कि नौकरी के लिए अनेक अवसर है, लेकिन तनाव में नहीं आना चाहिए।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने दी टिप्स
- माता पिता अपने बच्चों को अकेले नहीं छोड़े व उनसे लगाातर बातचीत, आपस में खेल आदि जारी रखे।
- तनाव जब हावी हो तो सुबह जल्दी उठक र सूर्य की पहली किरण मिले इसका प्रयास करें।
- ऑनलाइन ही दोस्तों से बातचीत का प्रयास करें।
- कम से कम 15 मिनट तेज कदम वॉक करें।
- पानी की मात्रा व पौष्टिक आहार को बढ़ाएं।
- जो पसंद हो या हॉबी हो उस कार्य को करें।