भोपाल. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए गत चार माह में किए गए प्रयासों को अब और अधिक व्यवस्थित स्वरूप दिया जा रहा है। ये उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेबीनार में कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में आगे रहकर देश में अलग उदाहरण प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन वर्ष में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बेहतर रोड मैप की आवश्यकता है जो वेबीनार्स में विद्वानों से प्राप्त सुझाव और मंथन के फलस्वरूप तैयार होगा। इसी सप्ताह इस रोड मैप की खूबियों से प्रदेश की जनता को अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर आमजन, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तैयार की गई विस्तृत रणनीति को जान सकेंगे। हम अपने संकल्प से तीन साल में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। प्रदेश में त्रिस्तरीय योजना बनाकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री ने वेबीनार में शामिल नीति आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों, विषय-विशेषज्ञों, केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, प्रदेश के मंत्रीगण और वेवीनार में सहभागिता कर रहे करीब डेढ़ सौ प्रतिनिधियों को संबोधित किया। वेबीनार के प्रथम दिन आज भौतिक अधोसंरचना के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विचार-विमर्श भी प्रारंभ हुआ। इसमें प्रमुख रूप से नीति आयोग, विश्व बैंक, टाटा पावर, अडानी लॉजिस्टिक लिमिटेड, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, आईआईटी चैन्नई, वाटर एड इंडिया, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान, एमपी पावर मैनेजमेंट के पदाधिकारी शामिल हैं। प्रत्येक सेक्टर में आगे होगा मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक सेक्टर में मध्यप्रदेश आगे रहे, यह प्रयास करना है। आत्मनिर्भर भारत के पैकेज को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश ने सक्रिय प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए मध्यप्रदेश स्ट्रीट वेंडर्स कल्याण में देश में अग्रणी है। छोटे कारोबारियों को ब्याज रहित ऋण देने के लिए मध्यप्रदेश में काफी कार्य हुआ है। कोविड-19 की परिस्थितियों में कुछ बड़ी कंपनियां देश में आ सकती हैं, इस दिशा में भी प्रयास किए गए हैं। मध्यप्रदेश में इन कंपनियों का निवेश होने से आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन आएगा।