शहर में शुक्रवार रात को कोरोना के नए मरीजों का आंकड़ा 184 पर पहुंच गया। यह संख्या 16 अप्रैल के बाद सबसे अधिक है, जब 178 मरीज मिले थे। 2261 सैंपल्स की रिपोर्ट में आए इन मरीजों से पॉजिटिव रेट भी 8.13 हो गया। अगस्त के सात दिन में ही 895 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि उसने सैंपलिंग और टेस्ट भी बढ़ा दिए हैं। शुक्रवार को रिकॉर्ड 2961 सैंपलिंग हुई। जिले में अब तक 1 लाख 51 हजार 795 सैंपलों की जांच हो चुकी है। अब शहर में पॉजिटिव मरीज 8343 हैं, जबकि 330 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 5851 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 2162 हो गई है।
एमआर टीबी अस्पताल की नर्स और एएनएम पॉजिटिव
एमआर टीबी कोविड-19 अस्पताल में नर्स और एएनएम कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्हें अस्पताल के ही वार्ड में भर्ती किया गया है। हाल ही में एक अन्य नर्स में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। अस्पताल के कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं, शहर के दो कोविड अस्पतालों से 63 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। अरबिंदो अस्पताल से 43 और इंडेक्स से 20 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। अरबिंदो से सात साल के गोरांश गुप्ता से लेकर 74 वर्षीय नेमीचंद जैन ने कोरोना को हराया। मरीजों में देवास, बड़वानी के तीन-तीन, रतलाम के दो, दाहोद (गुजरात), धार और महू के एक-एक मरीज शामिल हैं। इंडेक्स से चार साल की हिमांगी से लेकर 65 वर्षीय बुजुर्ग लीला बाई घर लौटी। मरीजों ने डॉक्टर्स, नर्स को धन्यवाद दिया।
कोरोना से 9 दिन में 14 मौत, अब भी देरी से अस्पताल पहुंच रहे मरीज
कोरोना से 30 जुलाई से 7 अगस्त के बीच 14 मौतें हुईं, जिनमें से 93 प्रतिशत को डायबिटीज, अस्थमा, हाइपरटेंशन व अन्य बीमारियां थी। डेथ ऑडिट में यह बात सामने आई है कि इनमें से कुछ मरीजों की कोरोना जांच करवाने के बजाय डॉक्टरों ने तीन-चार दिन की दवाई दे दी। इससे बीमारी की समय पर पहचान नहीं हो सकी। अब तय हुआ है कि पल्स ऑक्सीमीटर व ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने वालों का रिकॉर्ड दवाई दुकानदारों से लिया जाए। ब्लड डोनर का एंटीबॉडी टेस्ट हो और अस्पताल में भर्ती मरीजों की पैथालॉजी जांच की जाए।
निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का उपचार प्रोटोकॉल से ही किया जाए : कलेक्टर
कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 28 निजी अस्पतालों में 500 से ज्यादा बेड आइसोलेशन में रखे गए हैं। इन सभी अस्पताल प्रबंधकों के साथ प्रशासन की बैठक हुई। बैठक मरीजों की डिस्चार्ज नीति को लेकर चल रहे असमंजस को दूर करने के लिए थी। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी से कहा कि निजी अस्पतालों में उपचार राशि को लेकर सभी प्रबंधन संवेदनशील रहें और बेवजह अधिक राशि नहीं लें। यह समय मदद करने के लिए है। सभी का उपचार निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किया जाए। डॉक्टर भर्ती मरीज के परिजन से भी संपर्क में रहें, ताकि परिजन को सही जानकारी मिलती रहे।
अगस्त में ऐसे बढ़ते गए मरीज
तारीख |
मरीजों की संख्या |
1 अगस्त |
107 |
2 अगस्त |
91 |
3 अगस्त |
89 |
4 अगस्त |
122 |
5 अगस्त |
157 |
6 अगस्त |
145 |
7 अगस्त |
184 |