राजधानी में शुक्रवार को कोरोना के 150 नए संक्रमित मिले, 6 मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में नागरिक आपूर्ति निगम के सहायक महाप्रबंधक 55 वर्षीय अशोक राय भी शामिल हैं। उन्हें 23 जुलाई को ड्यूटी के दौरान संक्रमण हुआ था। वे 26 जुलाई से एम्स में भर्ती थे। इस बीच, एक संक्रमित मरीज से अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। मरीज को लेने पहुंची एंबुलेंस ने अस्पताल को लेकर विवाद के बाद उन्हें बीच सड़क पर ही उतार दिया। करीब घंटे भर मरीज सड़क किनारे बैठकर रोता रहा। राह चलते लोग उसे घेरकर दिलासा देते रहे। बाद में मिन्नतों के बाद उन्हें चिरायु अस्पताल पहुंचाया गया। मामला विमान कंपनी एअर इंडिया के एयरपोर्ट मैनेजर 55 वर्षीय श्याम टेकाम का है।
उन्हें शुक्रवार सुबह फोन पर संक्रमित होने की सूचना दी गई। तब श्याम एयरपोर्ट पर ड्यूटी कर रहे थे। दोपहर करीब 1 बजे उनसे टीटी नगर स्थित अपने घर पहुंचने को कहा गया। श्याम जैसे-तैसे घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि 15 बार कॉल करने के बाद हमीदिया से एक एंबुलेंस 5 बजे घर आई। ड्राइवर और स्टाफ ने उन्हें एंबुलेंस में बैठाया और सहमति के बाद हमीदिया ले जाने लगे। रास्ते में श्याम ने चिरायु ले जाने की बात कही तो ड्राइवर ने चिरायु जाने से इनकार कर दिया और श्याम को कमला पार्क के पास उतार दिया।
टेकाम के मुताबिक वे पैदल ही राजाभोज सेतु तक गए, तभी एंबुलेंस दोबारा आ गई और उन्हें चिरायु ले जाने का कहकर बैठा लिया। बाद में वीआईपी रोड की पुलिस चौकी के पास उन्हें दोबारा गाड़ी से उतार दिया गया। पुलिस व प्रशासन के लोग भी वहां पहुंचे, लेकिन उन्होंने हमीदिया ले जाने का दबाव बनाया। टेकाम ने बताया कि वहां भीड़ जमा हो गई और जब मैंने मीडिया के आने की बात कही, तब वे लोग मुझे एंबुलेंस में बैठाकर चिरायु अस्पताल ले जाए। यहां मुझे भर्ती कर लिया गया है।
कलेक्टर बोले- ड्राइवर को हटज्ञया, जांच रिपोर्ट का इंतजार
मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित एंबुलेंस के ड्राइवर को हटा दिया गया है। जब जांच रिपोर्ट नहीं आती ड्राइवर की सेवाएं नहीं लेंगे। हालांकि, यह भी पता चला है कि मरीज ने खुद एंबुलेंस से उतरने की जिद की थी। मामले की जांच की जा रही है।
- अविनाश लवानिया, कलेक्टर
सीधी बात - डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
मरीज चिरायु जाना चाहता था तो पहुंचाने में क्या परेशानी थी?
- ड्राइवर को जहां जाने को कहा गया है वह वहीं छोड़ेगा।
क्या ये नहीं मालूम कि कोरोना पेशेंट को ऐसे नहीं छोड़ सकते?
- उनको किसी ने उतारा नहीं, उनकी ओर से चलती एंबुलेंस से कूदने की धमकियां दी जा रही थीं। इसलिए वे खुद उतरे।
बीच रास्ते में उतारने की एंबुलेंस ने आपको सूचना दी थी?
- जी, डॉक्टर्स समेत एसडीएम को सूचना दी गई थी।
मरीज को एंबुलेंस के लिए पांच घंटे इंतजार क्यों करना पड़ा?
- वो मोबाइल बंद करके बैठे थे, डॉक्टर और अधिकारी सुबह से उनको फोन लगा रहे थे। मुश्किलों से उनसे संपर्क हुआ और उनका घर मिला।
इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं? क्या कार्रवाई करेंगे?
- इस मामले में कर्मचारियों समेत डॉक्टरों के स्तर पर किसी तरह की लापरवाही उजागर हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।