अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रख दी गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर सिर्फ अयोध्या की भव्यता को नहीं बढ़ाएगा, बल्कि यहां की इकोनॉमी को भी बदलेगा। यहां लोगों के लिए अवसर पैदा होंगे, पूरी दुनिया से लोग यहां भगवान राम और माता सीता के दर्शन के लिए आएंगे। भूमिपूजन के बाद अब इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि अयोध्या में मंदिर बनने के बाद क्या कुछ बदलेगा, अयोध्या का स्वरूप क्या होगा, यहां का पर्यटन कितना बढ़ेगा, अयोध्यावासियों को कितना फायदा होगा।
भारत के जीडीपी में ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर का कारोबार साल 2017 के 15.24 लाख करोड़ रु से बढ़कर 2028 तक 32 लाख करोड़ रु तक पहुंचने अनुमान है। इसमें ज्यादातर हिस्सा डोमेस्टिक टूरिज्म का होता है। जिसका 60 फीसदी हिस्सा रिलीजियस टूरिज्म का होता है। रिलीजियस टूरिज्म का कारोबार करीब 10 लाख करोड़ रु का है।
पर्यटन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अयोध्या डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। स्वदेश दर्शन योजना में केंद्र सरकार ने 2014-18 में 127 करोड़ रु रामायण सर्किट के तहत जारी किए थे।
अयोध्या में मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या बढ़ेगी। 2019 में यहां कुल 3.4 लाख टूरिस्ट यहां आए थे। वहीं, 2015 में 1.4 लाख यानी पिछले पांच साल में 2.5 गुना पर्यटक बढ़े हैं। राममंदिर के मुख्य डिजाइनर चंद्रकांत सोमपुरा के पुत्र आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा का मानना है कि मंदिर बनने के बाद यहां करीब 1 लाख तक लोग हर दिन दर्शन के लिए आएंगे यानी करीब 3.6 करोड़ हर साल।
यूपी में करीब 28 करोड़ टूरिस्ट हर साल आते हैं। पिछले साल 54 करोड़ टूरिस्ट आए थे। कुंभ के कारण संख्या बढ़ गई थी। देश में डोमेस्टिक टूरिज्म के मामले में यूपी दूसरे नंबर पर है, जबकि विदेशी पर्यटकों के मामले में तीसरे नंबर। राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या ग्लोबल टूरिज्म सेंटर बनेगा।
साल 2017-18 की बात करें तो देशभर में जहां सबसे ज्यादा पर्यटक आए, उनमें ताज महल, रेड फोर्ट, कुतुबमीनार, आगरा फोर्ट और कोणार्क का सूर्य मंदिर शामिल है। ताजमहल देखने के लिए 64 लाख लोग आए, इसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
अयोध्या के लिए क्या है मास्टर प्लान
यूपी सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए 85 करोड़ रु का बजट रखा है। यहां भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति लगाने का भी प्लान है, जिसको लेकर काम चल रहा है। इस मूर्ति की ऊंचाई 251 मीटर होगी। इसके अलावा यहां क्वीन हो मेमोरियल, डिजिटल म्यूजियम, इन्टरप्रिटेशन सेंटर, रामलीला संकुल, रामकथा गैलरी, ऑडिटोरियम समेत कई योजनाएं हैं, जिन पर काम होना है। इसके साथ ही सरयू नदी के तट पर फाइव स्टार होटल्स बनाने का भी प्लान है।
अयोध्या के 84 कोस की सीमा में करीब 60 धार्मिक स्पॉट बनाने का प्रस्ताव है, जो करीब 250 किमी लंबा होगा। यह 10 जिलों को जोड़ेगा। इसके साथ ही अयोध्या के 10 प्रसिद्ध तालाबों की मरम्मत की जाएगी, कई रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे, ताकि यहां आने वाले लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
श्रीराम एयरपोर्ट
अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट बनाया जाना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2018 में इसकी घोषणा की थी। इसके लिए यूपी सरकार ने 200 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। कुल 500 करोड़ रुपए का बजट है। अयोध्या में हाईटेक एयरपोर्ट बनने के बाद यहां आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
हाईटेक रेलवे स्टेशन
अयोध्या के मंदिर के मॉडल पर हाईटेक रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए 104 करोड़ रु का बजट रखा गया है।
अयोध्या में हाईटेक रेलवे स्टेशन भी बनेगा। उम्मीद है कि अगले साल तक इसका काम पूरा हो जाएगा। इस रेलवे स्टेशन को अयोध्या के मंदिर मॉडल पर बनाया जाएगा। इसके लिए 104 करोड़ रु का बजट रखा गया है। इसका निर्माण कार्य दो फेज में पूरा किया जाएगा। पहले फेज में प्लेटफॉर्म बनाने का काम किया जाना है, जबकि दूसरे फेज में रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग, टॉयलेट, डोरमेटरी, टिकट घर जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
रेलवे के मुताबिक अभी अयोध्या करीब 5 हजार यात्री रोज आते हैं। मंदिर बनने के बाद यह संख्या 12 गुना बढ़ने का अनुमान है। यानी हर दिन करीब 60 हजार यात्री ट्रेन से अयोध्या पहुंचेंगे।
मंदिर के चारों तरफ 360 डिग्री थियेटर बनेगा। यहां भगवान राम पर बनी डॉक्यूमेंट्री, म्यूजियम, फोटो गैलरी, पूजा के लिए हॉल, एक बड़ा फूड कोर्ट होगा। तालाबों में लेजर लाइट और पूरे इलाके को हरा-भरा किया जाएगा।
नए अवसर मिलेंगे, रोजगार बढ़ेगा
राम मंदिर बनने के बाद यहां के लोगों को उम्मीद है कि रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, नई नौकरियां मिलेंगी। जैसे देश के दूसरे मंदिरों के माध्यम से रोजगार मिलता है, उसी तरह यहां भी लोगों को फायदा होगा। एक अनुमान के मुताबिक तिरुपति बालाजी मंदिर में करीब 16 हजार लोग काम करते हैं। ट्रस्ट के लोगों का कहना है कि यह मंदिर भी उसी तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। इसके साथ ही यहां मंदिर बनने के बाद होटल वालों, दुकानदारों, फूल-माला वालों, ट्रेवल एजेंसियों और दीये बेचने वाले लोगों को फायदा होगा।