शाजापुर जिले के शुजालपुर में ग्रामीण इलाकाें में बुधवार देर रात दाे घंटे से ज्यादा झमाझम बारिश हुई। बारिश इतनी तेज थी कि देखते ही देखते निचले इलाके जलमग्न हो गए। यहां घुटनों तक पानी भर गया। नदी-नाले उफान पर आ गए। कालापीपल विधानसभा क्षेत्र स्थित अरनियाकला, तिलावद मैना, पोचानेर, रोलाखेड़ी, अलीसरिया सहित कई गांव में देर रात करीब 2 बजे रिमझिम बारिश की शुरुआत हुई। देखते ही देखते बारिश ने जोर पकड़ा और फिर झमाझम बारिश शुरू हो गई। करीब दो घंटे तक तेज बारिश से गांव में कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई। गांव में ग्रामीण उफनती नदी नाले की पुलिया से जान जोखिम में डालकर निकले।
पुलिया के उफान पर होने से लोग जान जोखिम में डालकर निकले।
शुजालपुर में अब तक 11 इंच बारिश
सावन सूखा बीतने के बाद अब तक शुजालपुर में 291 मिमी यानी करीब 11 इंच बारिश दर्ज हुई है। नतीजतन इलाके के सभी 11 स्टॉपडेम व 21 में से 17 तालाब खाली हैं। सिंचाई विभाग के बीके श्रीवास्तव के अनुसार शुजालपुर व कालापीपल तहसील के सभी स्टॉपडेम के गेट सितंबर में बंद किए जाते हैं, इसलिए अभी यहां पानी संग्रहित नहीं है। 21 तालाब में से भी 17 अभी खाली हैं। 4 तालाब ही ऐसे हैं, इनमें आंशिक जलभराव हुआ है। एक में 66 और तीन में 33 फीसदी से भी कम जल संग्रहित हुआ है। मौसम शाखा के रिकाॅर्ड अनुसार इस सीजन में शुजालपुर में 291 मिमी वर्षा दर्ज हुई। अब तक कुल करीब 11 इंच बारिश दर्ज हुई। बीते साल इसी समय तक करीब 20 इंच बारिश हुई थी।
पानी की सही निकासी नहीं होने से लोग परेशान होते रहे।
बारिश की कमी से ये स्टापडेम व तालाब खाली
स्टाॅपडेम पीली करार पार्वती, बांकाखेड़ी डुंगलाय, तिलावद, कश्मीरी स्टाॅपडेम, खेड़ा रायपुर, बापचा, पारदाखेड़ी, झुंडी, बंजारी, अवंतिपुर बड़ोदिया व कोठड़ी स्टॉपडेम में अभी तक पानी संग्रहित नहीं हो सका है। इसी तरह 21 तालाबों में खोखराकलां भराव के बाद फूटने से खाली है। बाकी 20 तालाबों में से तिलावद में 66, बावड़ी खेडा में 33, सिलोदा में 20, पोचानेर में 12 फीसदी जल संगृहित हुआ है। पूरी तरह खाली तालाब में नरोला, टांडा, भानिया खेडी, इमलीखेडा, अकोदिया, देवली, बड़ी पोलाय, अरंडिया, अरनीयाकला, हर्राज खेड़ा, चाकरोद, खेजडिया, हिम्लेश्वर, रघुनाथपुरा, जेठड़ा, खाम तालाब खाली है। इन तालाबों से तीन हजार 467 हेक्टेयर में सिंचाई होती है। इसी तरह 11 स्टॉपडेम से 2115 हेक्टेयर में सिंचाई की जाती है।