नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कभी भी 8 रुपये का इजाफा किया जा सकता है। सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि करने का अधिकार हासिल कर लिया है। दरअसल कोरोना के संकट काल से निपटने के लिए सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे से खजाना भरना चाहती है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच इस इजाफे से उपभोक्ताओं पर कोई असर भी नहीं पड़ेगा और सरकार को मोटी कमाई हो सकेगी। बता दें कि सरकार ने 14 मार्च को ही पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था।
इससे पहले खबर थी कि सरकार पेट्रोल पर 18 रुपये और डीजल पर 12 रुपये प्रति लीटर का इजाफा करना चाहती थी। हालांकि फिर दोनों पर 8 रुपये प्रति लीटर के इजाफे पर सहमति बनी। फिलहाल पेट्रोल पर 10 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूली जाती है, जबकि पेट्रोल पर 4 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी लगती है। इजाफे के बाद पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 18 रुपये और डीजल पर 12 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने को लेकर कानून में इसलिए संशोधन किया है क्योंकि दोनों पर अधिकतम सीमा तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा चुकी थी।
पेट्रोल पर हो जाएगी 18 रुपये एक्साइज ड्यूटी: पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी की लिमिट 10 रुपये और डीजल के मामले में 4 रुपये प्रति लीटर थी। सरकार ने अब वित्त विधेयक की 8वीं अनुसूची में संशोधन करते हुए इस सीमा को पेट्रोल के मामले में बढ़ाकर 18 रुपये और डीजल के मामले में 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। दरअसल सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि भविष्य में वह अपनी जरूरतों के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर खजाना भर सके।
पेट्रोल-डीजल से वसूली रकम से मिलेगा कोरोना पैकेज: गौरतलब है कि कोरोना वाय़रस के चलते देश भर में आर्थिक गतिविधियों पर लॉक डाउन है। इसके चलते कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और तमाम सेक्टर्स ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी की वसूली से भरे हुए खजाने को सरकार कोरोना पैकेज के लिए खोल सकती है।