भोपाल पुलिस और ICICI BANK की चूक के कारण निर्दोष नागरिक बलात्कार के मामले में जेल की सलाखों तक पहुंच गया

Posted By: Himmat Jaithwar
8/3/2020

भोपाल। भोपाल पुलिस की एक छोटी सी चूक ने मुंबई में रहने वाले सुनील टिवडेवाल की पूरी जिंदगी ही बदल कर रख दी। उन्हें बताया गया था कि उनके खिलाफ भोपाल में बलात्कार का मामला दर्ज हुआ है जबकि वह अपनी जिंदगी में कभी भोपाल आए ही नहीं। उनकी पत्नी कैंसर की मरीज है। बलात्कार का केस सुनते ही घर में क्या हालात बने होंगे बताने की जरूरत नहीं। जानकारी मिलने के बाद वह भागे-भागे भोपाल आए और अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया। वह तो भला हो न्यायालय की नजर पुलिस की उस चूक पर पड़ गई और पहली पेशी में सुनील टिवडेवाल की जिंदगी बच गई नहीं तो सुनील टिवडेवाल भोपाल की सेंट्रल जेल में होते। 

मामला क्या है

भाई वेलफेयर सोसाइटी के फाउंडर मेंबर जकी अहमद के मुताबिक 5 नवंबर 2019 को एक महिला ने कोलार थाने में शिकायत दर्ज कराई कि सुनील टिवडेवाल प्रलोभन देकर ज्यादती करता रहा। जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपी का ICICI BANK में अकाउंट है। पुलिस ने ब्रांच मैनेजर से सुनील टिवडेवाल के खाते की जानकारी मांगी। इसमें पुलिस ने उसके पिता के नाम का उल्लेख नहीं किया। इस आधार पर बैंक ने खाताधारकों की लिस्ट में सबसे पहला सुनील टिवडेवाल जो दिखाई दिया उसकी डिटेल पुलिस के हवाले कर दी। यह जानकारी मुंबई में रहने वाले सुनील टिवडेवाल की थी।

ICICI BANK ने भी बड़ी गलती की है 

इस मामले में केवल भोपाल पुलिस ही नहीं बल्कि आईसीआईसीआई बैंक ने भी बड़ी गलती की है। पुलिस के प्रेशर में बैंक कर्मचारी ने बैंकिंग के सबसे पहले नियम क्रॉस वेरिफिकेशन का पालन नहीं किया। पुलिस ने जब पिता का नाम नहीं बताया था तो बैंक को अपने जवाब में जितने भी सुनील टिवडेवाल नाम के खाते में मौजूद थे, सब की जानकारी पुलिस के हवाले कर देनी चाहिए थी लेकिन बैंक ने केवल एक खाताधारक की जानकारी पुलिस को दी। यह बैंक की बड़ी चूक है। उसकी लापरवाही के कारण खाताधारक झूठे मामलों में फंस सकते हैं।

खुलासा कैसे हुआ

जैसे ही इसकी जानकारी मुंबई में रहने वाले सुनील टिवडेवाल को लगी, वह तत्काल एक्टिव हुए। वह लगातार दावा कर रहे थे कि उनका भोपाल शहर या भोपाल में रहने वाली किसी भी महिला से कोई रिश्ता नहीं है परंतु उन्हें सलाह दी गई कि सबसे पहले अग्रिम जमानत करा ले नहीं तो जेल जाना पड़ेगा। इसी के चलते उन्होंने भोपाल कोर्ट में अग्रिम जमानत का आवेदन पेश किया। जब कोर्ट ने केस डायरी बुलाई तो खुलासा हुआ कि डायरी में आरोपी का नाम सुनील टिवडेवाल पिता ओमप्रकाश था। जबकि अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने वाला सुनील टिवडेवाल पिता सागर प्रसाद बुद्धराम है। इस पर कोर्ट ने पुलिस को वांछित अपराधी सुनील पिता ओमप्रकाश के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. महजबीन खान की अदालत में ऑनलाइन हुई।



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