जांच के लिए पटना से मुंबई पहुंचे आईपीएस विनय तिवारी को बीएमसी ने क्वारैंटाइन किया, बिहार के डीजीपी ने लगाया जबर्दस्ती का आरोप

Posted By: Himmat Jaithwar
8/3/2020

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में रोज नए मोड़ आ रहे हैं। मामले की जांच में अब महाराष्ट्र और बिहार पुलिस आमने-सामने आती नजर आ रही है। जांच के लिए रविवार को मुंबई पहुंचे पटना के एसपी विनय तिवारी को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने क्वारैंटाइन कर दिया। उनके हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लगाते हुए उन्हें अगले आदेश तक एक घर में रहने को कहा गया है। मतलब साफ है कि वे अब जांच के लिए किसी से मिल नहीं सकेंगे।

बिहार पुलिस का आरोप- जबरदस्ती क्वारैंटाइन किया गया
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट किया, ‘आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे, लेकिन उन्हें रात 11 बजे बीएमसी के अधिकारियों ने जबरन क्वारैंटाइन कर दिया। अनुरोध के बावजूद उनकी आईपीएस मेस में रहने की व्यवस्था नहीं की गई। अब उन्हें गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है। इस पर महाराष्ट्र के डीजीपी से बात करूंगा।’

बीएमसी की सफाई- नियम के हिसाब से क्वारैंटाइन किया गया
बीएमसी की ओर से कहा गया कि हमने सरकारी आदेशों का पालन करते हुए और नियम के मुताबिक से तिवारी को क्वारैंटाइन किया। अगर उनमें किसी तरह के कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो आने वाले समय में उनका स्वैब टेस्ट भी करवाया जाएगा।

रिया चक्रवर्ती को तलाश रही है बिहार पुलिस
इससे पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने एक निजी चैनल के साथ बात करते हुए कहा कि रिया चक्रवर्ती तीन-चार दिनों से लापता है और उनका फोन भी बंद है। हम चाहते हैं कि रिया सामने आएं और जांच में साथ दें। हम उनसे कुछ सवाल करना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि उनके सामने आते ही हम उन्हें सूली पर लटका देंगे।

डीजीपी पांडे ने आगे यह भी कहा कि इमोशनल वीडियो डालने से कुछ नहीं होता। आप अगर सच्चे हैं तो पुलिस से आकर बात करें और सच जानने में उनका साथ दें। उन्होंने रिया चक्रवर्ती से अपील करते हुए कहा कि सुशांत मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में कोआर्डिनेशन: विनय तिवारी
रविवार को मुंबई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए आईपीएस विनय तिवारी ने कहा था कि मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस में पूरा कोआर्डिनेशन है। तिवारी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि कोआर्डिनेशन नहीं हो रहा था। बीते एक सप्ताह से हमारी टीम यहां काम कर रही है। क्योंकि, जांच की एक प्रक्रिया होती है और उसका अगला स्टेप सुपरविजन होता है। इसके लिए किसी सीनियर अफसर को आना होता है तो उसी क्रम में मुझे यहां भेजा गया।’



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