मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को शालीन और फॉर्मल कपड़ों में आने की सख्त हिदायत है। निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। गौरतलब है कि 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक हुई थी।
इसमें मंदसौर जिले के वन मण्डलाधिकारी टीशर्ट पहनकर शामिल हुए थे इस पर मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की थी। उसी दौरान सभी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को शालीन, औपचारिक एवं गरिमापूर्ण परिधान पहनकर कार्यालय में आने के स्पष्ट निर्देश दे दिए।
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की नाराजगी के बाद पहला फरमान ग्वालियर के संभागायुक्त एमबी ओझा ने जारी किया है। उन्होंने सभी कलेक्टरों और संभाग स्तरीय अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा है कि शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय सेवकों को गरिमापूर्ण, शालीन और औपचारिक परिधान पहनकर ही शासकीय कार्यालय में ड्यूटी करना होगा। अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ग्वालियर के संभागायुक्त एबी ओझा ने यह आदेश अपर कलेक्टर जैसे वरिष्ठ अधिकारी को फैडेड जीन्स पहनकर काम करते हुए देखा तो वे भड़क गए। उनके मुताबिक यह कृत्य शासकीय सेवक के पद की गरिमा के विपरीत होकर अमर्यादित आचरण की ओर इंगित करता है, जो उचित नहीं है। इसके बाद उन्होंने यह निर्देश जारी कर दिए।
हाईकोर्ट ने भी लगाई थी रोक
पांच साल पहले हाईकोर्ट जबलपुर मुख्यपीठ, ग्वालियर और इंदौर के सबी कॉडर के अधिकारी-कर्मचारियों को न्यायालय की गरिमा के अनुरूप कपड़े पहनकर आने के आदेश जारी हुए थे। भड़कीले रंगों वाले और जीन्स तथा टीशर्ट पहनकर आने पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने रोक लगा दी थी।