भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम में रहते हुए तत्कालीन कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के भीष्म पितामह श्री दिग्विजय सिंह पर ऐसी फायरिंग की थी कि सीएम हाउस तक शोर सुनाई दिया था। एक बार फिर सिंघार के तरकश से तीर निकला है लेकिन यह समझना जरूरी है कि तीर का निशाना कौन है, दिग्विजय सिंह या कमलनाथ।
सबसे पहले पढ़िए पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार का बयान
भारत के स्वतन्त्रता संग्राम से लेकर आज तक कांग्रेस में अनेक नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नेहरू गांधी परिवार का कुर्बानी का इतिहास रहा है लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिये युवा नेतृत्व एवं देश की सबसे पुरानी पार्टी को कुर्बान करने पर लगे हैं। ईद मुबारक!
विधायक उमंग सिंघार के बयान के मायने क्या है
श्री सिंघार के बयान को वैसे तो कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर चल रही राजनीति से भी जोड़ा जा सकता है। यदि इस बयान को राजस्थान की राजनीति में फिक्स करने की कोशिश करें तो परफेक्ट फिट हो जाएगा। परंतु जब मौका और दस्तूर मध्यप्रदेश में ही मौजूद है तो फिर कयास लगाने के लिए राजस्थान या दिल्ली क्यों जाएं। मध्य प्रदेश की कांग्रेस पार्टी में हाल ही में नेपोटिज्म (भाई भतीजे को पावरफुल करने के लिए उनके प्रतिस्पर्धीयों को प्रतियोगिता से बाहर करने की साजिश करना) के कुछ उदाहरण दिखाई दिए हैं।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने बेटे नकुल नाथ और श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे जयवर्धन सिंह को मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चेहरा बनाने के लिए शुरू हुए अभियान का एक प्रकार से समर्थन किया है जबकि दोनों युवराजों के सीनियर और लोकप्रिय नेता मध्यप्रदेश कांग्रेस में सक्रिय हैं।