''ओबीसी आरक्षण पर कांग्रेस सरकार ने 8 माह तक कोर्ट में जवाब ही नहीं दिया''

Posted By: Himmat Jaithwar
8/2/2020

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के कोर्ट में चल रहे मामले पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की 18 जुलाई को लिखी गई चिट्‌ठी के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोला है। उन्होंने शनिवार को कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार की गंभीर लापरवाही व उदासीनता ही थी कि लगभग 8 माह तक कोर्ट के समक्ष जवाब दावा ही पेश नहीं किया गया। साथ ही कोर्ट से मिले स्टे को समाप्त कराने के भी कोई प्रयास नहीं हुए। शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि 19 मार्च 2019 को कोर्ट में कांग्रेस सरकार के महाधिवक्ता तक उपस्थित नहीं हुए थे। इससे पहले 14 से 19 मार्च 2019 तक की याचिका में भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकार की ओर से कोई वाद उत्तर नहीं दिया गया। इसी के बाद कोर्ट ने 19 मार्च को ओबीसी आरक्षण की सीमा को 14 से 27 फीसदी किए जाने के आपकी कांग्रेस सरकार के निर्णय को स्थगित कर दिया था। सीएम ने कमलनाथ पर कटाक्ष भी किया कि जब आप सरकार में थे, तब प्रयास किए गए होते तो आज यह स्थिति नहीं बनती। ऊपर से आप पत्र लिखकर जनता में भ्रम फैलाना चाहते हैं कि शासकीय सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने कोविड के 4 महीनों में भी अजा-अजजा, आर्थिक रूप से कमजोर व ओबीसी के लिए कई काम किए। सीएम चौहान ने कहा कि नाथ को इस मामले में कुछ भी बोलने का हक नहीं है, क्योंकि पिछली सरकार ने ही कोर्ट में यह कथन किया है कि लोकसेवा आयोग की नियुक्तियों को बिना कोर्ट की पूर्वानुमति के अंतिम नहीं किया जाएगा। प्रदेश में 15 महीने तक रही कांग्रेस की सरकार ने समय रहते कुछ किया होता तो आज ओबीसी के सभी हित संरक्षित होते।



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