मुस्लिम समाज ने ईदुल अजहा शनिवार को मनाई। कोरोना के चलते समाजजनों ने घरों में ही नमाज अदा की। बुजुर्ग, बच्चे हों या फिर महिलाएं व पुरुष सभी ने नए कपड़े पहनकर खुशियों के साथ ईद मनाई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसी ने सोशल मीडिया तो किसी ने वीडियो कॉलिंग के जरिए ईद की मुबारकबाद दी। घर के बड़ों ने बच्चों को ईदी देकर खुश किया। सुबह से दोपहर तक कुर्बानी का सिलसिला चलता रहा।
शहर काजी डॉ. मोहम्मद इशरत अली के मुताबिक ईद के मौके पर अल्लाह से विशेष दुआ मांगी कि कोरोना संक्रमण पूरी दुनिया से खत्म हो जाए। जो लोग इस संक्रमण से पीड़ित हैं उन्हें इससे निजात मिले। उन्होंने कहा- समाजजन कोरोना के मद्देनजर मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, ताकि संक्रमण की चपेट में आने से बच सकें। कुर्बानी के जज्बे को बरकरार रखते हुए गरीबों, जरूरतमंदों और बेरोजगारों की मदद की जाए।
मस्जिद से इमामों ने दिया संदेश
कर्बला इंतेजामिया कमेटी अध्यक्ष फारूक राइन के अनुसार ईद हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सुबह घरों में नमाज अदाकर कोरोना से मुक्ति और अच्छी बारिश के लिए दुआ मांगी। मस्जिद से इमामों ने समाजजनों को संदेश देते हुए कहा- कोई गले न मिले, हाथ न मिलाए। दूरी बनाकर मुबाकरबाद दें। कुर्बानी का सिलसिला सुबह 8 बजे शुरू हुआ, जो दोपहर 12 बजे तक चलता रहा। यह 3 अगस्त तक चलेगा। इसके बाद कुर्बानी का हिस्सा परिजनों और निर्धनों में बांटा गया। सभी ने नए कपड़े पहने और बड़ों ने बच्चों को ईदी भी दी। रिश्तेदारों को मुबारकबाद देने का सिलसिला सुबह से रात तक चलता रहा। शिया समाज प्रवक्ता दिलशाद नकवी के मुताबिक कुर्बानी के तीन हिस्से होते हैं। निर्धन, रिश्तेदारों
और एक हिस्सा खुद के लिए होता है। ईद के 20
दिन बाद मोहर्रम मनाया जाएगा।