लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले में सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। घटिया निर्माण की शिकायत मिलने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करने की बजाए ठेकेदार व इंजीनियर को बचाने में जुट जाते हैं। इसका उदाहरण नीमच विधानसभा की जीरन-अरनिया बोराना 7 किमी सड़क है। जिसका काम भी पूरा नहीं हुआ और जगह-जगह से सड़क उखड़ गई। जब तेज बारिश होगी तो सड़क पानी में बह जाएगी। इस लापरवाही को 14 जुलाई के अंक में भास्कर ने प्रमुख से प्रकाशित किया था। गुरुवार को उज्जैन से विभाग के अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे। जिला मुख्यालय के अधिकारी उन्हें रात के अंधेरे में सड़क का निरीक्षण कराने ले गए। उन्होंने भी सड़क की हालत देखकर कहा कि यह ठेकेदार व विभाग की लापरवाही है।
विधानसभा क्षेत्र की इस सड़क से जुड़े करीब चार गांव के करीब 4 हजार लोगों को आवागमन की सुविधा मिलना था। शासन से सड़क की मंजूरी मिली। निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाया। ठेकेदार को टेंडर दिए और काम शुरू कराया। अधिकारियों ने निर्माण के समय सड़क का निरीक्षण नहीं किया। इसका फायदा ठेकेदार ने उठाया और मनमाने तरीके से निर्माण कर दिया। सड़क का काम अभी पूरा नहीं हुआ। उसके पहले कई जगह से सड़क का डामर ही गायब हो गया यहां गिट्टी व मिट्टी ही बची है। 14 जुलाई के अंक में भास्कर ने ‘लोकार्पण से पहले नीचे बैठ गई जीरन-अरनिया बोराना सड़क” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद जिला मुख्यालय के अधिकारी ने ठेकेदार व विभाग के इंजीनियर का बचाव
करते हुई कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत जब विभाग के भोपाल व उज्जैन मुख्यालय पहुंची तो गुरुवार को उज्जैन ने विभाग के अधीक्षण यंत्री टीम के साथ निरीक्षण करने पहुंचे।
सड़क बनाई या मिट्टी व गिट्टी डाली
उज्जैन के अधीक्षण यंत्री व टीम को लेकर अधिकारी शाम 7.30 बजे जीरन पहुंचे। अंधेरा होने के कारण वाहनों की लाइट जलाई और निरीक्षण किया। मौके पर भास्कर टीम भी मौजूद थी। इस दौरान अधीक्षण यंत्री ने कहा कि ठेकेदार ने यहां सड़क बनाई या गिट्टी व मिट्टी डाली। विभाग ने इस तरह की कहीं पर सड़क नहीं बनाई। यह ठेकेदार व इंजीनियर की लापरवाही से हुआ है। सड़क का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ उसके पहले ही डामर उखड़ गया। बारिश में क्या हालात हो जाएगी। इसी रिपोर्ट बनाकर पेश की जाएगी।
हो रही लापरवाही पर विभाग के एसडीओपी बोलने से बचते रहे
सड़क निर्माण में विभाग की लापरवाही पर जब पीडब्ल्यूडी के एसडीओपी एमएल माली से इस संबंध में चर्चा की तो वे जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारी दौरे पर आए थे। अंधेरा होने के कारण निरीक्षण अधूरा रह गया। अब बाद में आएंगे। जबकि अधिकारियों ने मौके पर पैदल भ्रमण कर सड़क की हालत देखी।