कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना पर चर्चा की सीरीज में ग्रामीण बैंक के फाउंडर और शांति का नोबेल जीतने वाले प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से बात की। राहुल ने सवाल किया कि कोरोना संकट ने गरीबों, उनको कर्ज की उपलब्धता और गरीब महिलाओं को कैसे प्रभावित किया है। प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि फाइनेंशियल सिस्टम को बहुत गलत तरीके से तैयार किया गया है।
महिलाओं पास स्किल है, लेकिन उन्हें भुला दिया गया
'महिलाएं सबसे अलग कर दी गईं। उनकी कोई आवाज नहीं है, जबकि वे समाज की मूल ताकत हैं। जब माइक्रो क्रेडिट आया तो महिलाओं ने अपनी ताकत का अहसास करवाया। वे लड़ सकती हैं, उनके पास स्किल है। उन्हें भुला दिया गया, क्योंकि वे इन-फॉर्मल सेक्टर से हैं।'
लाखों लोगों को शहरों से पलायन करना पड़ा
'कोरोना के समय समाज की कमजोरियां बहुत ही बुरे तरीके से सामने आई हैं। गरीब लोग हैं, शहरों में प्रवासी मजदूर हैं। हमारे लिए काम करने वाले, खाना बनाने वाले और सुरक्षाकर्मी ऐसे लोग हैं जिन्हें हम जानते हैं। लेकिन, अचानक हम उनमें से लाखों को घर जाने की कोशिश में हाइवे पर देखते हैं। इसकी यही वजह है कि उनके लिए शहरों में कुछ नहीं बचा।'
राहुल ने कोरोना पर चर्चा की सीरीज अप्रैल में शुरू की थी
कोरोना और उसके आर्थिक असर पर राहुल अलग-अलग फील्ड के देश-विदेश के एक्सपर्ट से डिस्कस कर रहे हैं। उन्होंने 30 अप्रैल को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से चर्चा के साथ यह सीरीज शुरू की थी। इसी कड़ी में 5 मई को नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से बातचीत की थी। राहुल ने 12 जून को अमेरिका के पूर्व डिप्लोमैट निकोलस बर्न्स से चर्चा की थी।