जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट(Jabalpur High Court) ने ट्रेनों में बर्थ (Trains berth) के आरक्षण पर अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने भारतीय रेलवे को पत्र लिखा और कहा कि ट्रेन में बर्थ आरक्षण वरीयता के आधार पर हो। ट्रेनों में पहले गर्भवती महिलाओं(Pregnant women), फिर सीनियर सिटीजन और फिर VVIP को आरक्षण का लाभ दिया जाए।
आपको बता दें कि जस्टिस आर के श्रीवास्तव ने रेल यात्रा का अनुभव सांझा करते हुए हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था और पत्र के याचिका के रूप में स्वीकार होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है ।
हाई कोर्ट ने रेलवे से उम्मीद की है कि गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमारों और सीनियर सिटीजन को रेलवे रिजर्वेशन प्रक्रिया में लोअर बर्थ वरीयता के आधार पर आवंटित की जाए। इसी कड़ी में वीवीआईपी को भी शामिल किया जाए।
कैंसर मरीज, गर्भवती महिलाएं अपर और मिडिल बर्थ में चढ़ने-उतरने में दिक्कत महसूस करती हैं। ऐसे में इन सभी को सीट आवंटन में सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। आपको बता दें हाइकोर्ट के जस्टिस आरके श्रीवास्तव ने 3 अक्टूबर 2019 को मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा था।
प्रशासनिक न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने जनहित याचिका में कोर्ट मित्र अधिवक्ता समदर्शी तिवारी की ओर से सामने आए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को स्वीकार कर लिया।