कोरोना के कुल 7328 मरीजों में से 5036 स्वस्थ होने के साथ ही इंदौर देश के ऐसे 28 शहरों में शामिल हो गया है, जहां पांच हजार या उससे अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं। इंदौर की रिकवरी दर 68.72 फीसदी है। इस मायने में हम इन शहरों की टॉप-10 सूची में दसवें स्थान पर है। यह राष्ट्रीय औसत 64 फीसदी से भी ज्यादा है। देश में गुरुवार शाम तक 10 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
गुरुवार को 7 साल की बच्ची और 81 वर्षीय बुजुर्ग सहित 44 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। हालांकि शहर के लिहाज से चिंता की बात यह है कि चार से पांच हजार मरीज स्वस्थ होने के दौरान रिकवरी दर 50.60 फीसदी रही है। इस बीच 1976 मरीज सामने आए, लेकिन ठीक एक हजार ही हुए हैं। एसिम्टोमैटिक मरीजों को 10 दिन में कर सकेंगे डिस्चार्ज- उधर, स्वास्थ्य विभाग ने कोविड केयर सेंटर में भर्ती कम या बिना लक्षण वाले मरीजों को लक्षण आने के 10 दिन होने और तीन दिन बुखार न आने पर डिस्चार्ज करने के निर्देश दिए हैं।
मार्च-अप्रैल में हॉटस्पॉट रहे इलाकों में मरीजों की संख्या तेजी से घटी
कोरोना के हॉटस्पॉट रहे रानीपुरा, बंबई बाजार, टाटपट्टी बाखल, खजराना जैसे क्षेत्रों से अब नए मरीज नहीं के बराबर आ रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि लगता है, इन एरिया में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो गई है। केंद्र द्वारा 11 शहरों में कराए गए सीरो सर्वे में पाया गया कि जहां संक्रमण अधिक रहा वहां की बड़ी आबादी में एंटीबॉडी मिली। अहमदाबाद में 49, मुंबई में 36 तो आगरा में 22 फीसदी लोगों में एंटी बाॅडी पाई गई। इंदौर में यह आठ फीसदी से कम पाया गई। यानी यहां अभी अधिक आबादी संक्रमित नहीं हुई है।
घोषणा करने लगे कोरोना हो जाने की, जल्द अस्पताल पहुंच रहे संपर्क के लोग
सही समय पर मिली सूचना ने बचाई जान
1.तिलकनगर के एक व्यक्ति ऑफिस आने-जाने के दौरान कोरोना संक्रमित हुए। तबीयत बिगड़ने पर आगे रहकर कोरोना टेस्ट करवाया। बाद में इनकी पत्नी, बच्चे और संपर्क में रहे दो सीनियर सिटीजन की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। इन्होंने खुद उन्हें सूचना देकर टेस्ट कराने का आग्रह किया। सीनियर सिटीजन में से एक को तो डायबिटीज भी थी। समय पर इलाज होने से वे जल्द स्वस्थ हो गए।
तबीयत बिगड़ते ही की दोस्तों की चिंता तीनों सलामत
2. तीन दोस्त साथ में शहर से बाहर गए थे। जिस दिन लौटे उसी दिन शाम को एयरपोर्ट रोड निवासी दोस्त की तबीयत बिगड़ी। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्होंने तुरंत दोनों दोस्तों को फोन कर टेस्ट कराने को कहा। दोनों ने टेस्ट करवाया। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एक दोस्त को शुगर थी। समय पर सतर्क होने से अब वे सकुशल हैं। दोस्त का धन्यवाद करते हैं कि उसकी बदौलत सब ठीक हो गया।
ग्राहकों के परिजन को भी फोन किया कराए टेस्ट
3. मिल क्षेत्र के एक कारोबारी ने खुद के संक्रमित होने के बाद ग्राहकों की भी चिंता की। जिन लोगों के नंबर थे, उनमें से अधिकतर के परिजनको फोन किए। टेस्ट कराने का कहा। एक सीनियर सिटीजन ने जांच करवाई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। समय पर सूचना मिल जाने से उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। इलाज के बाद वे स्वस्थ हो गए। उनका कहना है कि यदि देरी करता तो परेशानी बढ़ जाती।