अपर सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और बेटे अभिनय राज की मौत जहरीले आटे की रोटियां खाने से ही हुई थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी रीवा निवासी एनजीओ संचालिका और जज की 10 साल पुरानी करीबी मित्र संध्या संतोष सिंह सहित 6 लाेगाें काे गिरफ्तार कर लिया है। छिंदवाड़ा में रहकर एनजीओ चलाने वाली संध्या ने ये साजिश इसलिए रची, क्योंकि पिछले चार महीने से एडीजे की पत्नी वीआरएस लेकर उनके साथ रहने लगी थीं। दूरियां बढ़ने से संध्या को पैसे भी मिलना बंद हो गए थे। इसके अलावा जज ने पूर्व में संध्या को एनजीओ के लिए काफी आर्थिक मदद दी थी, वह पैसा भी वे वापस मांगने लगे थे। इससे संध्या नाराज थी।
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि बदला लेने के लिए संध्या ने गृहक्लेश निवारण के नाम पर साजिश रची और जज त्रिपाठी को बाबा की मदद लेने की सलाह ली। जज त्रिपाठी के घर से 300 ग्राम आटा बुलवाया और फिर एक बाबा की मदद से उसमें जहर मिलवाया। 20 जुलाई को सर्किट हाउस बैतूल में वह जज से मिली और आटा वापस करते हुए पूरे परिवार को रोटियां खिलाने के लिए कहा। इसी रात खाना खाने के बाद जज व उनके दोनों बेटों की तबीयत बिगड़ी। जबकि, उस शाम पत्नी ने बासी भोजन किया था, इसलिए वह सलामत रहीं।
ज्यादा उल्टियां कर लेने की वजह से छोटे बेटे की तबीयत तो संभल गई, लेकिन जज त्रिपाठी और बड़े बेटे को तीन दिन घर पर इलाज के बाद पहले पाढर और फिर नागपुर रेफर किया गया। 25 जुलाई को उनके बेटे और 26 को जज त्रिपाठी ने दम तोड़ दिया। जज ने नागपुर जाते समय छोटे बेटे को संध्या द्वारा दिए गए आटे के बारे में बताया था। पुलिस ने बयानों और कॉल डिटेल के आधार पर संध्या, उसके ड्राइवर संजू चंद्रवंशी निवासी उमरेठ, संजू का फूफा देवीलाल चंद्रवंशी छिंदवाड़ा, मुबीन खान छिंदवाड़ा, कमल पिता गरीबा छिंदवाड़ा और बाबा उर्फ रामदयाल छिंदवाड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। संध्या एडीजे के पूरे परिवार को मारना चाहती थी।