कांग्रेस के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालने वाले कंप्यूटर बाबा के समर्थन में विधायक विशाल पटेल और संजय शुक्ला आए हैं। कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी के पास स्थित आश्रम और अंबिकापुरी स्थित आश्रम की नपती के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को विधायक ने गलत बताया है। उन्होंने कहा मंदिर और आश्रम निगम सीमा में नहीं आता। प्रशासन भाजपा नेताओं के इशारे पर कंप्यूटर बाबा को परेशान कर रहा है।
कांग्रेस विधायक विशाल पटेल ने प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा कि शायद इनमें बुद्धि की कमी है। जो आश्रम और मंदिर है वो वह ग्राम पंचायत सीमा में है, नगर निगम की सीमा में है ही नहीं, फिर उन्हें नोटिस देने का अधिकार ही नहीं है। इंदौर शहर में बगीचे और सरकारी जमीन में 250 से अधिक मंदिर बने हैं, क्या उन्हें भी तोड़ेंगे। अधिकारी चापलूसी बंद कर दें, इसकी भी एक हद होती है। भाजपा नेताओं के कहने पर कार्रवाई कर रहे हैं। कंप्यूटर बाबा लोकतंत्र को बचाने के लिए निकले हैं। यहां संविधान की हत्या हुई है। मंदिर बाबा का नहीं है, यह एक समाज के कुलदेवी का मंदिर है। मंदिर बनाने में कई गांवों के लोगों ने रुपए दिए हैं।
कंप्यूटर बाबा बोले - ये धर्म की हत्या भी कर रहे
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हुई तो संत समाज से देखा नहीं गया। 25 गद्दारों ने बेंगलुरु में जाकर सरकार गिरा दी। ऐसा चलता रहेगा तो पांच साल का चुनाव हर 15 महीने में होगा। लोकतंत्र को बचाने के लिए हम लोकतंत्र बचाव यात्रा निकाल रहे हैं। यह यात्रा तब तक जारी रहेगी, जब तक इन 25 गद्दारों को सजा ना मिले। यही देखकर शिवराज सरकार तिलमिला गई। कंप्यूटर बाबा को रोकने के लिए इन्होंने हमारी सुरक्षा वापस कर दी। यह आश्रम, मंदिर कंप्यूटर बाबा का नहीं है, जनता का है। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि दो में आपने नोटिस दिए हैं अभी 14 और हैं। सभी के लिस्ट ले लो सभी को तोड़ दो। ये लोकतंत्र की हत्या करते करते धर्म की हत्या करने लगे।