महाकालेश्वर की श्रावण में साेमवार को निकली सवारी में श्रद्धालु नहीं आ सके, इसके लिए सड़कों को बैरिकेड्स लगाकर उन पर कनात भी तान दी। पुलिस भी तैनात कर दी लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था इन बंधनों से काबू नहीं हो पाई। राजाधिराज की एक झलक पाने के लिए बैरिकेड्स के दूसरी तरफ भक्तों का हुजूम था, जो पालकी आते ही जयकारों से आकाश गुंजाने लगा। तेज धूप के बावजूद घरों की छतों पर भी लोग जमे थे। जहां से भी पालकी नजर आ सकती थी, वहां तक भक्त दिखाई दिए। कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी मनोजसिंह ने बताया सवारी में बिना परमिशन घुसने वालों को सख्ती से रोका गया। हरसिद्धि चौराहे पर कुछ इंदौरी लोग सवारी में दाखिल हो गए। जब नृसिंहघाट मार्ग पर एएसपी रूपेश द्विवेदी की नजर ऐसे लोगों पर पड़ी तो उन्होंने जवानों के माध्यम से उन्हें बाहर कर दिया।
दो ही स्वरूपों में बाबा के दर्शन
सवारी में भगवान के मनमहेश और चंद्रमौलेश्वर दो ही स्वरूप के दर्शन हुए। पालकी में मनमहेश और हाथी पर चंद्रमौलेश्वर विराजमान थे। चौथी सवारी होने से भगवान के चार स्वरूप सवारी में होना चाहिए थे लेकिन कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन ने सवारी का स्वरूप छोटा किया है।
विधायक को रामघाट पर रोका
तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार को रामघाट पर पूजन स्थल पर जाने से रोक दिया। इस पर परमार साथियों के साथ राणोजी की छतरी की सीढिय़ों पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि हम सालों से सवारी में आ रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पूजन स्थल जाने वालों की सूची में नाम नहीं है। इसलिए बाहर ही बैठ गए।
अगली सवारी 3 अगस्त को निकलेगी
सवारी में कड़ाबीन, घुड़सवार सेना, सशस्त्र बल टुकड़ी, पुलिस बैंड शामिल हुए। सबसे आगे महाकाल का ध्वज चल रहा था। चांदी की झाड़ू से मार्ग बुहारने वाला, ढोलकी और शहनाई वादक भी चल रहे थे। पुजारी प्रदीप गुरु के अनुसार अगली सवारी 3 अगस्त को निकलेगी। इस दिन रक्षाबंधन भी है।