प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तीन शहरों- नोएडा, मुंबई और कोलकाता में कोरोना टेस्टिंग के हाई थ्रूपुट (ऑटोमेटेड) सेंटर्स की शुरुआत की। इनमें एक दिन में 10 हजार सैंपल टेस्ट किए जाएंगे। मोदी ने कहा- आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले दिनों में 10 लाख टेस्ट हर दिन करने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान हर किसी को सिर्फ एक संकल्प के साथ जुटना है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पीपीई किट मैन्युफैक्चरर है। सिर्फ 6 महीने पहले देश में एक भी मैन्युफैक्चरर नहीं था, आज 1200 से ज्यादा मैन्युफैक्चरर हर रोज 5 लाख से ज्यादा पीपीई किट बना रहे हैं। एक समय एन-95 मास्क भी बाहर से आते थे, आज रोज 3 लाख मास्क बन रहे हैं।
मोदी के संबोधन की मुख्य बातें
- एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ह्यूमन रिसोर्स तैयार करना। आज अगर भारत की कोरोना से लड़ाई को देखकर दुनिया अचंभित है, तो उसका एक बड़ा कारण हमारे ये सोल्जर भी हैं। आज हमारे पास जागरुकता की कमी नहीं, साइंटिफिक डेटा का विस्तार हो रहा है। अब हमें राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव के स्तर पर डिमांड-सप्लाई को और दुरुस्त करना है।
- हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे कोरोना योद्धा किसी तरह की थकान का शिकार नहीं हों। हमें नए और रिटायर जो भी प्रोफेसर आगे आना चाहते हैं, उन्हें जोड़ने के लिए भी लगातार काम करना होगा। आने वाले समय में बहुत सारे त्यौहार आने वाले हैं। ये उल्लास का कारण बनें, संक्रमण नहीं फैले, इसके लिए हमें और सावधानी रखनी है।
- एक अच्छी बात ये भी है कि ये हाईटेक लैब्स सिर्फ कोरोना टेस्टिंग तक ही सीमित नहीं हैं, आने वाले दिनों में हेपेटाइटिस-बी और सी, एचआईवी और डेंगू सहित कई बीमारियों की टेस्टिंग के लिए भी यहां सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए, यही वजह है कि आज भारत अन्य देशों के मुकाबले काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मौतें बड़े-बड़े देशों के मुकाबले काफी कम हैं।
- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरी था कि देश में तेजी के साथ कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। इसी वजह से काफी पहले ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर दिया था। आइसोलेशन सेंटर, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल या टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हर क्षेत्र में भारत ने बहुत ही तेजी से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का काम किया।
- हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है। साथ ही हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज और क्लीनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े।
- जब तक कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, 2 गज की दूरी, हैंड सैनिटाइजेशन ही हमारा विकल्प है। हमें खुद भी बचना है और घर में छोटी-बड़ी आयु सभी परिजन को भी बचाना है। मुझे विश्वास है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई, हम सभी मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी जुड़े
हाई थ्रूपुट टेस्टिंग फैसिलिटी के जरिए जांच में कम समय लगेगा और लैब के स्टाफ को भी संक्रमण वाले मेटेरियल से ज्यादा संपर्क में नहीं रहना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टेस्टिंग फैसिलिटी की शुरुआत की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के साथ महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जुड़े।
देश में रिकवरी रेट 64.19%, डेथ रेट 2.30 फीसदी
रविवार को देश में कोरोना के मामले 14 लाख से ऊपर पहुंच गए। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अब देश में रिकवरी रेट 64.19% है। मतलब हर 100 मरीज में से 64 ठीक हो रहे हैं। दूसरी तरफ डेथ रेट 2.30% है।