मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेपोटिज्म के खिलाफ जीतू पटवारी सोशल मीडिया पर वायरल

Posted By: Himmat Jaithwar
7/27/2020

भोपाल। नेपोटिज्म पहले बॉलीवुड में आया या राजनीति में, शोध का विषय हो सकता है परंतु ताजा खबर यह है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेपोटिज्म के खिलाफ जीतू पटवारी का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में लिखा है 'ना राजा, ना व्यापारी अबकी बार जीतू पटवारी' 

ना राजा, ना व्यापारी अबकी बार जीतू पटवारी, इसका क्या अर्थ हुआ 

पोस्टर में राजा से तात्पर्य है दिग्विजय सिंह के उत्तराधिकारी एवं भोपाल में होर्डिंग लगाकर घोषित किए गए मध्यप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री श्री जयवर्धन सिंह। व्यापारी से तात्पर्य है कमलनाथ के उत्तराधिकारी एवं एक बयान देकर स्वघोषित मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री श्री नकुल नाथ। किस्सा क्या है, यह तो सभी को पता ही है। कुल मिलाकर वायरल पोस्टर का तात्पर्य है मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री ना तो जयवर्धन सिंह होंगे और ना ही नकुल नाथ बल्कि जीतू पटवारी होंगे, क्योंकि वह डिजर्व करते हैं।

नेपोटिज्म क्या होता है 

नेपोटिज्म का मतलब होता है भाई-भतीजावाद। एक्टर श्री सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म का भारी विरोध हो रहा है। बताया जा रहा है कि बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद इतना हावी हो चुका है कि टैलेंटेड कलाकारों को भी आगे नहीं बढ़ने दिया जाता है। इतना ही नहीं हालात ऐसे बनाए जाते हैं कि या तो कलाकार इंडस्ट्री छोड़कर भाग जाए या फिर सुसाइड कर ले। भारत की राजनीति में नेपोटिज्म का इतिहास काफी पुराना है। कांग्रेस पार्टी में महात्मा गांधी ने जब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित सुभाष चंद्र बोस को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था, इस घटना को भारतीय राजनीति में नेपोटिज्म का पहला उदाहरण कहा गया। स्वतंत्र भारत में इंदिरा गांधी का कांग्रेस पार्टी और फिर प्रधानमंत्री के पद पर चयन भारत की राजनीति में नेपोटिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है।



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