सुकमा में मुठभेड़: पेड़ों पर गोल‍ियों के न‍िशान, ब‍िखरे सामान, 17 साथ‍ियों की लाशों के ल‍िए घंटों खाक छानते रहे 500 जवान

Posted By: Himmat Jaithwar
3/23/2020

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह सभी शहीद जवानों को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री और राज्य के गृहमंत्री तमराध्वज साहू ने इस मुठभेड़ में घायल 15 जवानों से जाकर अस्पताल में मुलाकात भी की थी।

सुकमा जिले के मिन्पा के जंगलों में शनिवार (21 मार्च, 2020) को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में हमारे 17 जवान शहीद हो गए थे। इन जवानों की लाश रविवार को मिली थी। दरअसल इस मुठभेड़ के बाद यह सभी 17 जवान लापता हो गए थे। जिनकी तलाश के लिए 500 से ज्यादा जवानों को घने जंगलों में भेजा गया था। अपने 17 साथियों की लाशों के लिए 500 जवानों घंटों तक जंगल की खाक छानते रहे।

रिक्वरी ऑपरेशन के दौरान जब बस्तर से सटे मिन्पा और रेंगापारा के जंगलों में जवानों ने गहरी खोजबीन शुरू की तब जाकर 17 जवानों के शव बरामद हुए। हालांकि बीहड़ो में जवानों के शवों को तलाशना कतई भी आसान नहीं था। रिक्वरी के लिए गई 500 से ज्यादा जवानों की टीम जैसे ही जंगल में दाखिल हुई तो उन्हें पेड़ों पर गोलियों के कई निशान नजर आए।

यह निशान इस बात की गवाही दे रहे थे कि यह मुठभेड़ कितनी भयानक थी। ‘The Indian Express’ की टीम ने देखा कि जूते, कैप और खाने के पैकेट मुठभेड़ स्थल के आसपास बिखरे पड़े थे। इसके अलावा फर्स्ट-एड किट में इस्तेमाल की जाने वाली सीरिंज, कॉटेन पट्टियां भी झाड़ियों में बिखरी पड़ी थीं। मुठभेड़ स्थल के आसपास से नक्सली पर्चे भी मिले हैं। एक पर्चे में छत्तीसगढ़ में हुए राज्यसभा चुनाव को फर्जी बताते हुए इसके बहिष्कार की बात भी कही गई है।

रिक्वरी ऑपरेशन पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ के डीजीपी दुर्गेश अवस्थी ने बताया कि ‘हमने सभी 17 जवानों के शव बरामद कर लिये हैं। सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। हमारे लोग करीब 5 घंटे तक भारी गोलीबारी में घिर गए थे और उन्होंने बहादुरी से नक्सलियों का सामना किया है।’

बस्तर के IGP पी सुंदाराज ने कहा ’12 AK-47, 1UBGL, 1 इंसास रायफल, एलमजी गायब हैं। हमें आशंका है कि नक्सलियों ने यह हथियार चुरा लिये हैं। आपको बता दें कि अपनी गुप्त सूचना के आधार पर District Reserve Guard (DRG), Special Task Force और CoBRA (Commando Battalion for Resolute Action) के जवानों ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। इसमें 600 जवान शामिल थे। सुरक्षा बलों को जानकारी थी कि एल्मागुंडा के इलाके में नक्सली जमा हैं जिसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।

एल्मागुंडा राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर स्थित है। इस इलाके में जवानों ने काफी छानबीन की। वहां से लौटते वक्त अचानक करीब 250 की संख्या में छिपे नक्सलियों ने हमारे जवानों पर कायरता पूर्ण हमला शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला था। आपको बता दें कि साल 2017 में भी नक्सलियों ने सुकमा में ही सीआरपीएफ पर एक ऐसा ही बड़ा हमला किया था। इस हमले में हमारे 24 जवान शहीद हो गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सुकमा के छत्तीसगढ़ में हुए हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। मेरी संवेदना इस हमले में शहीद हुए जवानों के साथ है। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। शहीद जवान के परिजनों के प्रति संवेदना। मैं मुठभेड़ में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’



Log In Your Account