एक अगस्त से राज्य सरकार के खर्च चलाने के लिए जरूरी बजट को प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। विधानसभा का सत्र नहीं होने के कारण अध्यादेश के जरिए वर्ष 2020-21 का बजट लाया गया है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने राजभवन के जरिए फाइल को प्रभारी राज्यपाल को लखनऊ भेजी थी, जो मंजूरी के साथ लौट आई है। राजभवन के अधिकारियों ने इस आगामी कार्रवाई के लिए शासन को भेज दिया है। एक-दो दिन में अध्यादेश की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
दरअसल, 18 मार्च को विधानसभा बजट सत्र शुरू हुआ था। कोरोना संकट का हवाला देकर इसे इसी दिन समाप्त घोषित कर दिया गया। 20 मार्च का कमलनाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया। इस वजह से बजट पेश ही नहीं हो पाया। जबकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली थी। शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सरकार को एक लाख 6600 करोड़ का लेखानुदान लाकर अपने खर्चे चलाना पड़े, जबकि अब कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण ऐनवक्त पर विधानसभा सत्र स्थगित करना पड़ा।
लेखानुदान लाने की चर्चा थी
पहले चर्चा थी कि आगामी माह का खर्चा चलाने के लिए सरकार एक बार फिर से लेखानुदान लेकर आएगी। लेकिन विचार-विमर्श के बाद सरकार सीधे पूरे वित्तीय वर्ष के लिए अध्यादेश लेकर आ रही है। बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। जल्द ही अध्यादेश का गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। 6600 करोड़ का लेखानुदान भी इसमें समायोजित किया जाएगा। नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र में विधानसभा से अनुमोदन लिया जाएगा।