MP में कांग्रेस को लग रहे झटके पर झटके, "कमजोर" हो रहे सिंधिया, जानें BJP की सियासी गणित

Posted By: Himmat Jaithwar
7/25/2020

भोपाल. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे हैं। यूं कहे तो बीजेपी एक तीर से दो जगहों पर निशाना लगा रही है और कुछ हद तक कामयाब भी हो रही है। बीजेपी की रणनीति से कांग्रेस कमजोर हो रही है लेकिन जिस प्लान के साथ काम किया जा रहा है उससे तो यही लग रहा है कि इसका असर सिंधिया पर भी पड़ेगा। शायद शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव से पहले ही 'आत्मनिर्भर' होने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

क्या है सियासी गणित

मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीट है। यानी कि सत्ता में रहने के लिए 116 विधायकों को जरूरत है। फिलहाल बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और सत्ता में बने रहने के लिए 9 विधायकों की जरूरत और पड़ेगी। वहीं, कांग्रेस के पास अभी 87 विधायक हैं और सत्ता में वापसी के लिए उसे 29 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।

27 सीटों पर होना है उपचुनाव

फिलहाल मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके साथ ही प्रदेश में निर्दलीय, सपा और बीएसपी के 7 विधायक हैं। अगर कांग्रेस सभी सीटें उपचुनाव में जीत भी जाती है, तो उसे 2 बाहरी लोगों का समर्थन चाहिए।

वापस आएंगे कमलनाथ?

मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता भी जानते हैं कि अब राहें आसान नहीं है। लगातार विधायकों के इस्तीफे से पार्टी कमजोर होती जा रही है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ ने कहा था कि उपचुनाव के बाद हम फिर से सत्ता में वापसी करेंगे। यही नहीं, पिछले दिनों ही उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कहा था कि अब हम अगली बार राजभवन में शपथ लेने के बाद ही मिलेंगे।

पार्टी के अंदर से भी उठने लगी आवाज

मार्च महीने में सिंधिया के साथ 22 विधायक पहली बार कांग्रेस छोड़ कर चले गए थे। इसके बाद जुलाई महीने में भी 3 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। शायद यही कारण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह का दर्द छलका। बंसल न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कोई एक-दूसरे को पूछने वाला नहीं है, इसलिए लोग घर छोड़कर भाग रहे हैं।

... तो आत्मनिर्भर हो रहे शिवराज

कांग्रेस को शिवराज और उनकी टीम लगातार झटके दे रही है। बीजेपी के नेता लगातार कह रहे हैं कि आगे और झटके देंगे। इसका मतलब साफ है कि विधायक कांग्रेस छोड़ेंगे और आत्मनिर्भर शिवराज होंगे। दरअसल, सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी को 9 सीटों की ही जरूरत है। वहीं, प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में शिवराज की निर्भरता ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के विधायकों पर कम हो जाएगी।

'कमजोर' हो रहे सिंधिया?

कहा जा रहा है कि जैसे-जैसे शिवराज आत्मनिर्भर होंगे वैसे-वैसे सिंधिया कमजोर पड़ेंगे। क्योंकि सरकार चलाने के लिए अभी शिवराज सिंधिया और उनको समर्थकों पर निर्भर हैं। अभी एमपी में 27 सीटों पर उपचुनाव हैं। 27 में से 22 लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए थे। उन 22 में से भी 3 विधायक ऐसे हैं, जो सिंधिया गुट के नहीं हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के 3 और विधायकों का इस्तीफा हो गया है। 2 सीट विधायकों के निधन से खाली है। कुल मिला कर प्रदेश की राजनीति में 8 सीट ऐसे हो गए हैं, जिनका सिंधिया से सीधा कोई वास्ता नहीं है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की कोशिश होगी कि इन सीटों पर जीत हासिल किया जाए ताकि आगे आत्मनिर्भर बनकर सरकार चलाया जा सके।



Log In Your Account