उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के करनैलगंज कस्बे से शुक्रवार को किडनैप किए गए कारोबारी के 6 साल के बेटे को एसटीएफ ने शनिवार सुबह 17 घंटे बाद सकुशल छुड़ा लिया। पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ में दो आरोपियों के पैर में गोली भी लगी। एडीजी लाॅ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि एसटीएफ और जिला पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में सुबह सवा सात बजे यह सफलता मिली। मामले में एक युवती समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार सुबह सर्विलांस के जरिए गोंडा में ही भौरीगंज रोड पर अपहरणकर्ताओं की लोकेशन मिली। एसटीएफ और पुलिस टीम ने पीछा किया तो कार एक खंभे से टकरा गई। दो अपहरणकर्ता कार से उतरकर भागने लगे। दोनों ने पुलिस टीम पर फायर किया। जवाबी कार्रवाई में अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक कार से अपहृत बच्चे के साथ सूरज पांडेय, उसकी पत्नी छवि पांडेय, राज पांडेय, दीपू कश्यप और उमेश यादव समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है। सभी गोंडा जिले के ही रहने वाले हैं। घायल बदमाशों को अस्पताल भेजा गया है।
यह है मामला
करनैलगंज के गाड़ी बाजार मोहल्ले में पुलिस चौकी के पीछे ही गुटखा कारोबारी राजेश कुमार गुप्ता का घर है। शुक्रवार को करीब तीन बजे राजेश के पोते आरुष उर्फ नमो गुप्ता को बदमाशों ने अगवा कर लिया था। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग का आई कार्ड गले में टांग कर कुछ लोग मोहल्ले में मास्क और सैनिटाइजर बांट रहे थे। लोगों के नाम भी लिख रहे थे। बदमाश कार से आए थे। अपहरणकर्ता राजेश के घर पहुंचे और कहा कि नमो को भेज दीजिए, उसे कार से सैनिटाइजर निकाल कर दे देते हैं। इतना कहकर बदमाश बच्चे को कार में बैठाकर फरार हो गए।
बच्चे के पिता को फोन कर फिरौती मांगी थी
परिवारवालों को यह जानकारी तब हुई जब बच्चे के पिता हरी गुप्ता को बदमाशों ने फोन पर बताया कि बच्चे का अपहरण हो गया है। 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर लो। अपहरणकर्ताओं में कोई महिला शामिल नहीं थी, मगर जो फोन आया तब एक महिला बात रही थी।
कानपुर कांड में पुलिस की किरकिरी गई थी
कानपुर में किडनैपिंग के बाद मर्डर का मामला सामने आया था। एक महीने पहले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण दोस्तों ने ही किया था। इसके बाद हत्या करके उसकी लाश पांडू नदी में फेंक दी थी। इस मामले में शुक्रवार को एक आईपीएस समेत 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। गुरुवार को इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए। संजीत के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस की जानकारी में अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती दी, लेकिन फिर भी बेटा नहीं बचा।