वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठीं आशा कार्यकर्ता, बोलीं- आंध्र सरकार की तरह मप्र सरकार भी 10 हजार वेतन करे

Posted By: Himmat Jaithwar
7/23/2020

वेतन वृद्धि को लेकर गुरुवार को आशा और आशा सहयोगी एक दिन के प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चली गईं। आशा सहयोगी एकता यूनियन मध्य प्रदेश (सीटू) के आह्वान पर अपनी 10 सूत्रीय मांगाें को लेकर इन्होंने काम बंद कर दिया और रीगल चौराहे पर धरना देते हुए अपने कह के लिए आवाज बुलंद की।

इनकी मांग की थी प्रदेश सरकार इन्हें दो हजार रुपए दे रही है, जबकि अन्य कई राज्यों में आशाओं का वेतन कहीं ज्यादा है। अन्य राज्यों की तरह उनके वेतन में वृद्धि की जाए। साथ ही कोरोना से जारी इस लड़ाई में उन्हें सभी सुविधाएं मिले। उन्होंने चेतावनी दी गई है कि जल्दी ही मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आने वाले समय में और हड़ताल करेंगे, इसके बाद भी चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। 

हड़तालकर्मियों ने सरकार से अतिरिक्त वेतन दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की सबसे अधिक सक्रिय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा और आशा सहयोगी ही हैं, जो कोरोना महामारी के दौर में अपनी जान को जोखिम में डाल कर जनता को बचाने का काम कर रही हैं। सरकार हमें 2 हजार रुपए मासिक वेतन देकर शोषण कर रही है। प्रदेश में पिछले 15 सालों से मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु को कम एवं खत्म करने, महिलाओं बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने में आशा और उनकी सहयोगी काम कर रही हैं।

अन्य राज्यों में मिल रहा है अच्छा वेतन

आशा एवं सहयोगियों की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए अधिकांश राज्य सरकारें सालों से अपनी ओर से आशाओं को अतिरिक्त वेतन दे रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार आंगनवाड़ी कर्मियों को भी अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन दे रही है, लेकिन आशा एवं आशा सहयोगियों के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है, जो कि हमारे साथ अन्याय है। अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कोरोना अभियान के चलते आशाओं के संक्रमित होने की संख्या भी बढ़ रही है। संक्रमित आशाओं की सैलरी कम होने से वे ठीक तरीके से अपना गुजारा भी नहीं कर पा रही हैं। प्रदेश में जिन चार कोराेना योद्धा आशाओं की मौत हुई है, उनके परिवार को अब तक बीमा की राशि नहीं मिली है।
 

ये हैं आशाओं की मांगें 

  • आंध्र प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भी 10 हजार रुपए का मानदेय दिया जाए। 
  • कोविड -19 के दौर में अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 10 हजार रुपए के अतिरिक्त वेतन की जो घोषणा की गई उसे लागू कर आशा एवं आशा सहयोगियों को भी उसका एरियर सहित भुगतान किया जाए।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को स्थायी विभाग बना कर इसमें कार्यरत सभी अधिकारी कर्मचारियों तथा आशा एवं आशा सहयोगी को नियमित कर्मचारी बना कर उन्हें वेतन व सुविधाएं दी जाएं।
  • आशा की तरह आशा सहयोगी भी अपनी जान को जोखिम में डाल कर काम कर रही हैं, इसलिये कोरोना अभियान के लिए आशाओं को दी जा रही राशि के बराबर की राशि आशा सहयोगियों को भी दी जाए।
  • कोरोना के खिलाफ अभियान के दौरान जान गंवाने वाली - शहीद कोरोना योद्धा - आशाओं, ममता कनाडा, सरस्वती बर्मन, जानकी लोधी और, लक्ष्मी राजपूत के परिवार को 50 लाख रु. की बीमा की राशि तत्काल दी जाए।
  • इन शहीद आशाओं के परिवार के एक-एक सदस्य को शासकीय नौकरी प्रदान की जाए।
  • सभी आशा एवं सहयोगी को संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी सुरक्षा उपकरण दिए जाएं।
  • सभी आशा एवं सहयोगी की नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच की व्यवस्था की जाए, ताकि उनके संक्रमण होने का समय पर पता चल सके।
  • कोरोना महामारी के खिलाफ विभागीय अभियान के चलते संक्रमित सभी आशा एवं सहयोगियों को 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाए।
  • आशा एवं सहयोगियों के परिवार को प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज और आवश्यक वस्तुओं की निःशुल्क किट का वितरण आगामी छह महीने तक किया जाए।



Log In Your Account