जबलपुर. मध्य प्रदेश में शराब ठेकेदारों और राज सरकार के बीच जारी विवाद पर बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने शराब ठेकेदारों के मुख्य मांगों को नामंजूर कर दिया है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नियमों के अनुसार, एक बार टेंडर हो जाने के बाद आप पीछे नहीं हट सकते हैं। गौरतलब है कि ठेकेदारों ने ठेके निलामी की रकम कम करने की मांग कर रहे थे या निरस्त कर फिर टेंडर निकालने की मांग कर रहे थे।
सरकार का तर्क
हाईकोर्ट में सरकार का तर्क था कि टेंडर के नियमों के मुताबिक सरकार के पास अधिकार होता है कि वह समय के साथ नियमों का बदलाव कर सकती है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 29 जून को फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार नए सिरे से टेंडर जारी नहीं करेगी। जो टेंडर हो चुके हैं उसी के मुताबिक शराब ठेकेदारों को चलना होगा।