इस मंदिर में पुरुष नहीं बल्कि महिला है पुजारी, सुहागरात से पहले यहां आते हैं नवविवाहित जोड़े

Posted By: Himmat Jaithwar
7/22/2020

देशभर में कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं। सभी मंदिरों की अपनी अलग परंपराएं भी हैं, इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर ऐसा भी है जो की अपनी अनूठी परंपरा के लिए जाना जाता है। मंदिर में महिला व पुरुष दोनों का साथ आना बहुत जरूरी है, खासकर नवविवाहित जोड़े को, कहा जाता है की यहां विवाह के तुरंत बाद दुल्हा-दुल्हन बंधन सूत्र खोलने आते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेने आते हैं।


दरअसल, जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वो मंदिर राजस्थान के जैसलमेर में स्थापित है। इस मंदिर की अपनी अलग व अनोखी मान्यता है। पूजा-पाठ भक्ति के अलावा यह मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव की भी मिशाल है। यहां मुख्य रुप से जैसलमेर के स्थानीय लोकदेवता खेतपाल महाराज की पूजा की जाती है। स्थानीय निवासी क्षेत्रपाल और भैरव भी कहते हैं। 


मान्यताओं के अनुसार, खेतपाल महाराज ही जैसलमेर की रक्षा करते हैं और हर बुरी आपदा से भी बचाते हैं। इसके अलावा यहां विवाह के बाद हर विवाहित जोड़ा बाबा का आशीर्वाद लेकर अपने नए सफर की शुरुआत करते हैं। आइए जानते हैं जानते हैं मंदिर के बारे में कुछ और रोचक बातें..


पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं करती हैं यहां पूजा


खेतपाल महाराज के मंदिर की विशेषता है कि यहां पुजारी पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं करती हैं और महिला पुजारी ही नवविवाहित जोड़े को पूजा-पाठ करवाती हैं। जिससे की नए जोड़े का दांपत्य जीवन सकुशल चलता रहे और बाबा का आशीर्वाद उन्हें मिलता रृहे। जानकारी के अनुसार यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां तुरंत दूल्हा-दुल्हन को दर्शन के लिए आना होता है। 


जैसलमेर राज्य की स्थापना से चली आ रही है परंपरा


जैसलमेर राज्य की मान्यता है कि यहां खेतपाल महाराज के मंदिर में नवविवाहित जोड़ा सुहागरात के पहले मंदिर पहुंचता है और खेतपाल महाराज को साक्षी मानकर अपना सूत्र बंधन खोलता है। लेकिन अगर किसी कारणवश जोड़ा पूजा के लिए नहीं पहुंच पाता तो बाबा के नाम का एक नारियल अलग निकालकर रख देता है। बाद में जाकर उनका आशीर्वाद ले लिया जाता है।  


हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम और सिंधी भी करते हैं पूजा


खेतपाल महाराज के मंदिर की मान्यता इतनी है की यहां सिर्फ हिंदू धर्म के नवविवाहित जोड़े ही नहीं बल्कि मुस्लिम और सिंधी व्यक्ति जोड़े भी इस परंपरा को निभाते हैं। मंदिर की पुजारी बताती हैं कि यह मंदिर बहुत चमत्कारी हैं और जो भी सच्चे मन से यहां मांगता है उनकी हर इच्छा पूरी होती है।


खेतपाल बाबा करते हैं जैसलमेर की रक्षा


स्थानीय लोगों का मानना है कि खेतपाल महाराज यहां क्षेत्र की रक्षा करते हैं। उनकी कृपा से जैसलमेर में कोई बड़ी मुसीबत नहीं आती है। इसके साथ ही यह भी बताया जाता है कि यहां बताया जाता है कि पुराने समय में सिंध से सात बहनें यहां आई हुई थीं, जो जैसलमेर में देवियों के रूप में अलग-अलग विराजमान हैं। खेतपाल उन्हीं के भाई माने जाते हैं।



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