कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया- पीएम ने सत्ता में आने के लिए अपनी फेक मजबूत छवि गढ़ी। यह उनकी सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन भारत के लिए अब यह सबसे बड़ी कमजोरी है।
राहुल ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें उन्होंने चिंता जताई है कि चीन आज हमारे इलाके में आकर बैठे हैं। इसमें उन्होंने चीन की रणनीति का खुलासा किया है है।
‘‘चीन बगैर रणनीति के कोई कदम नहीं उठाता। उनके दिमाग में दुनिया का नक्शा है और वह अपने हिसाब से उसे आकार दे रहा है। इसी में ग्वादर और बेल्ट एंड रोड भी शामिल है। इसलिए तब आप चीनियों के बारे में सोचें, तो आपको यह समझना होगा कि वे किस स्तर पर सोच रहे हैं।’’
‘‘अब आप सामरिक स्तर पर देखें। चीनी अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो, पैंगोंग झील हो। उनका इरादा स्पष्ट है- मजबूत स्थिति में आना। वे हमारे हाईवे से परेशान हैं। इसे वे बर्बाद करना चाहते हैं। साथ ही वे कश्मीर में पाकिस्तान के साथ मिलकर कुछ करना चाहते हैं। इसलिए यह केवल साधारण विवाद नहीं है।’’
मोदी के लिए प्रभावी पॉलिटिशियन रहना मजबूरी
‘‘यह प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बनाने के लिए सुनियोजित सीमा विवाद है। चीन एक खास तरीके से दबाव डालने की सोच रहे हैं। वे प्रधानमंत्री की छवि पर हमला कर रहे हैं। वे जानते हैं कि मोदी के लिए प्रभावी पॉलिटिशियन रहना मजबूरी है। एक पॉलिटिशियन के रूप में बने रहने के लिए उन्हें अपनी 56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी। उन्हें यह समझनी होगा कि चीन इसी पर वार कर रहा है।’’
‘‘वे खासतौर पर मोदी से कह रहे हैं कि अगर आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वे पीएम की मजबूत नेता वाली छवि को नुकसान पहुंचाएंगे।’’
क्या मोदी चीन की चुनौती स्वीकार करेंगे
‘‘अब सवाल उठता है कि मोदी इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे। क्या वे उनका सामना करेंगे। क्या वे चीनियों की चुनौती स्वीकार करेंगे और कहेंगे बिल्कुल नहीं। मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, मैं तुम्हारा सामना करूंगा। मुझे अपनी छवि की चिंता नहीं है। या वे उनके सामने हथियार डाल देंगे।’’
‘‘मेरी चिंता है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और मोदी खुलेआम कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे हैं। इससे मुझे साफ पता चलता है कि उन्हें अपनी छवि की चिंता है और उनका ध्यान इसे बचाने पर है। यदि वे चीनियों को ये समझाने का मौका देते हैं कि मोदी छवि को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो भारतीय प्रधानमंत्री किसी काम के नहीं रहेंगे।’’