शहर में कोरोनावायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। 100 के पार मरीज आने का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार रात आई रिपोर्ट में कोरोना के 129 नए मरीज मिलने से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 6035 हो गई है। वहीं अब तक 292 मरीजों की इस बीमारी से मौत भी हाे चुकी है। शहर में अब पीक की चुनौती है यदि वायरस इसी तरह से बढ़ता रहा तो अगस्त में मरीजों की संख्या वर्तमान के मुकाबले बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। इसे रोकने का एकमात्र उपाय गाइडलाइन का सख्त पालन है।
शनिवार को 129 नए मरीज मिले, जबकि 4 की मौत हो गई। 1957 सैंपल में 1814 निगेटिव आए। अब कुल मरीज 6035 हो गए हैं। इनमें आखिरी एक हजार सबसे तेज सिर्फ 10 दिन में आए हैं। जिस गति से संख्या बढ़ रही है, उससे प्रशासन को अगस्त में पीक (करीब 11 हजार मरीज) आने का अंदेशा है। अगर ऐसा हुआ तो ऑक्सीजन, एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) और आईसीयू में मरीजों के लिए 4269 बेड की जरूरत होगी।
अस्पतालों में अभी करीब 2200 बेड हैं। 680 बेड तैयार हो रहे हैं। इनको मिला लें तो संख्या 2870 ही होगी, यानी 1399 बेड कम पड़ेंगे। प्रशासन ने पहले आठ निजी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनवाए थे। पीक के नए अनुमान के आधार पर इनमें 10 अस्पताल और जोड़े जा रहे हैं। उधर प्रशासन का दावा है 60% मरीजों में संक्रमण पॉजिटिव के संपर्क में आने से हो रहा है।
10 स्वयंसेवक पॉजिटिव अर्चना कार्यालय बंद
आरएसएस के रामबाग स्थित मुख्यालय अर्चना में 10 स्वयंसेवक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें तीन प्रांत प्रचारक, विभाग प्रचारक जैसे पदों पर हैं। दो-तीन दिन पहले तीन स्वयंसेवकों को बुखार आया था। एहतियातन अन्य ने भी जांच कराई थी। कार्यालय व क्षेत्र बंद कर दिया गया है।
ट्रेनिंग के बाद अब हजार में एक सैंपल ही हो रहा खारिज
सैंपल लेने के गलत तरीके के कारण पहले 1 हजार में से 20 से 50 तक सैंपल खारिज हो जाते थे। इससे हर दिन इंदौर में ही 5 से 10 लाख रुपए का नुकसान टेस्टिंग में सैंपल फेल होने से हो रहा था। यह समस्या सामने आने के बाद सभी सैंपल लेने वालों को बुलाकर ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद अब हजार में एक से दो सैंपल ही खारिज हो रहे हैं। कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा ने बताया सैंपल लेने के जो मूल नियम हैं कि सलाइवा किस तरह से लेना है, जिससे कम से कम इतनी मात्रा आए कि वायरस की जांच हो सके, इसमें चूक हो रही थी, वहीं एक ही थैली में कई सैंपल रख रहे थे। एक में लीकेज होेने पर सभी खराब हो जाते थे। इसकी जगह अब छोटी थैली में हर सैंपल अलग से रखा जाता है। इससे सैंपल खारिज नहीं हो रहे।
3 साल के मासूम समेत 101 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे
शनिवार को दो अस्पतालों से 101 मरीज कोरोना मुक्त होकर घर लौटे। अरबिंदो अस्पताल से 58 और इंडेक्स अस्पताल से 43 मरीजों को डिस्चार्ज किया। अरबिंदो से तीन साल के बच्चे से लेकर 70 वर्षीय चार बुजुर्ग डिस्चार्ज हुए। बड़वानी के दो, राजगढ़, खरगोन, देवास और धुलिया (महाराष्ट्र) का एक-एक मरीज ठीक हुआ। इंडेक्स अस्पताल से छह माह के अमित से लेकर 70 वर्षीय बुजुर्ग सुरेश शर्मा डिस्चार्ज हुए। इनमें देवास के दो, भोपाल, खरगोन व बागली का एक-एक मरीज शामिल है। बड़वानी में पदस्थ सिविल जज इकरा मिन्हाज ने बताया मकान मालिक पॉजिटिव हुए थे। उनके बच्चों से मैं भी संक्रमित हो गई। 3 जुलाई को बुखार आया। जांच कराने पर 4 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसी दिन अस्पताल में भर्ती हुई।
घर में शादी, पास में किराना दुकान पर भीड़, संक्रमण की चपेट में मासूम
तीन साल का अश्विन गवांडे कोरोना को हराकर शनिवार को घर लौट आया। सेठी संबंध नगर निवासी बच्चे के पिता विक्की बताते हैं हमारे घर के पास एक किराना दुकान है। वहां दिनभर बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है। 28 जून को घर में शादी भी थी, जिसके लिए कलेक्टोरेट अनुमति लेने गए थे। समझ नहीं आ रहा कि कहा से संक्रमित हुए। सबसे पहले छोटे भाई लक्की को सीने में दर्द हुआ तो 3 जुलाई को जांच कराई। 5 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी दिन परिवार के शेष चार सदस्यों की जांच कराई और 8 जुलाई को आई रिपोर्ट में मैं, पत्नी शुभम व बेटा पॉजिटिव निकला। एक साल की बेटी ध्वनि निगेटिव थी। हम चारों को सीने में हलका दर्द हो रहा था। सर्दी-खांसी और बुखार नहीं था। बेटे को 8 जुलाई को अस्पताल में बुखार आया था। अस्पताल में हमसे गुब्बारे फुलवाए, जिससे हम जल्दी स्वस्थ हो गए।