राजस्थान के सियासी घटनाक्रम लगातार नई करवट ले रहा है। अभी तक पायलट गुट के विधायकों की मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में होने की चर्चा थी। वायरल ऑडियो के संबंध मे पूछताछ करने शुक्रवार को होटल गई राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम को कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा समेत कई विधायक होटल में नहीं मिले। होटल के रजिस्टर में भी भंवरलाल का नाम नहीं लिखा था। एसओजी ने करीब 15 मिनट तक होटल में छानबीन की।
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा कि विधायकों ने होटल बदल लिया है। इसके कारण टीम को वहीं रुकने के लिए कहा गया है। दूसरे होटलों के बारे में जानकारी ली जा रही है। भंवरलाल पायलट खेमे के विधायक हैं। वे चूरू जिले के सरदारशहर से विधायक हैं।
पहले हरियाणा पुलिस ने रोका, फिर दी एंट्री
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को पहले टीम को होटल में दाखिल होने से रोक दिया। पुलिस का कहना था कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही एसओजी को होटल में दाखिल होने दिया जाएगा। बाद में टीम को होटल में एंट्री दी गई। आईटीसी मानेसर होटल के आसपास भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। अब एसओजी की टीम कोर्ट में विधायकों के वॉइस सैंपल के लिए भी अपील कर सकती है, ताकि ऑडियो की सच्चाई का पता चल सके।
हरियाणा सरकार ने चोर दरवाजे से विधायक निकाल दिए
शनिवार को कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि एसओजी एक ऐसी संस्था है जो कहीं भी अपराधियों को पकड़ने के लिए जा सकती है। अगर वहां की सरकार उसे रोकने की कोशिश करेगी तो कानून राज नहीं, अराजकता का माहौल हो जाएगा। हरियाणा सरकार ने विधायकों को चोर दरवाजे से निकालने के लिए एसओजी को होटल के बाहर मानेसर में रोका था। क्या ये सही है? क्या सचिन पायलट और कांग्रेस के विधायक बताएंगे कि उन्हें अपने ही राज्य की पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है?
क्या है वायरल ऑडियो टेप में?
गुरुवार रात जो ऑडियो वायरल हुए वे विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी बातचीत के बताए जा रहे हैं। इनमें एक व्यक्ति खुद को संजय जैन और दूसरा खुद को गजेंद्र सिंह बता रहा है। वहीं, बातचीत में भंवरलाल शर्मा नाम का भी जिक्र है। ऑडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि जल्द ही 30 की संख्या पूरी हो जाएगी। फिर राजस्थानी में वह विजयी भव: की बात भी कह रहा है। एक व्यक्ति बातचीत के दौरान कह रहा है कि 'हमारे साथी दिल्ली में बैठे हैं...वे पैसा ले चुके हैं। पहली किस्त पहुंच चुकी है।' बातचीत के दौरान खुद को गजेंद्र सिंह बताने वाला व्यक्ति सरकार को घुटने पर टिकाने की बात कर रहा है।