आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में संक्रमण से बचाव के तमाम इंतजाम किए जाने के बाद भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। अभी तक ट्रस्ट के 140 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें 14 अर्चक (पुजारी) शामिल हैं। केस बढ़ने के बाद अब मंदिर में कुछ दिन के लिए दर्शन बंद करने के लिए कर्मचारी संगठन और राजनीतिक दल दबाव बना रहे हैं। हालांकि, ट्रस्ट फिलहाल ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है।
8 जून को अनलॉक-1 के तहत मंदिर खोला गया था। 11 जून से यह आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। इसके 2 दिन बाद ही 13 जून से मंदिर के स्टाफ में कोरोना के केस आने लगे थे। यहां करीब 6 हजार से शुरू हुई श्रद्धालुओं की संख्या 15 हजार तक गई, लेकिन मंदिर में कोरोना का असर देखते हुए अब भीड़ कम हो रही है। अभी रोज 8 से 9 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।
मंदिर में संक्रमण बढ़ने के बाद अब यहां दर्शन बंद करने की मांग उठ रही है। गुरुवार को कर्मचारी संगठनों ने भी ट्रस्ट से मांग की है कि मंदिर को फिलहाल बंद कर दिया जाए, ताकि बाकी कर्मचारियों और पुजारियों में कोरोना फैलने से रोका जा सके। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र सरकार से मांग की है कि स्थिति को बिगड़ने से पहले जरूरी कदम उठाने चाहिए।
ट्रस्ट के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी का कहना है कि मंदिर में स्थिति अभी नियंत्रण में है, इसलिए मंदिर फिर से बंद करने का कोई मतलब नहीं है। जो कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं, उन्हें क्वारैंटाइन किया गया है।
- मंदिर में ट्राय ओजोन स्प्रे सिस्टम, लेकिन फिर भी बढ़ रहे केस
तिरुपति बालाजी मंदिर में मंदिर में प्रवेश करते समय फव्वारों के जरिए लगातार सेनेटाइजेशन होता रहता है।
तिरुपति बालाजी भारत का शायद इकलौता मंदिर है जहां कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ट्राय ओजोन स्प्रे सिस्टम लगाया गया है। इसमें मंदिर में आने वाले लोगों पर पूरे समय डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव होता रहता है। जहां से लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं और कतार में लगते हैं वहां फव्वारों के जरिए लगातार सेनेटाइजेशन होता रहता है। इसके बावजूद मंदिर में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या लगातार बढ़ रही है।