देवास जिले में काेराेना के मरीजाें का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है। शुक्रवार सुबह 299 लोगों की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें 19 संक्रमित पाए गए, इनमें से एक ही परिवार के 17 लोग शामिल हैं। रिपोर्ट में 280 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। मंगलवार को कुल 530 लिए गए। अब तक 15510 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 14199 की रिपोर्ट आ चुकी है। जिले में अब पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 319 तक पहुंच गई है, जिनमें से 232 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। वहीं, इस वायरस से 10 मरीजों की जान जा चुकी है। जिले में अभी भी 68 एक्टिव मरीज हैं, जिनका अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। अभी भी 1311 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
ये लोग संक्रमित पाए गए
45 साल का पुरुष, 65 साल की महिला, 22 साल की युवती, 22 साल का युवक, 70 साल के बुजुर्ग, 22 साल का युवक, 35 साल की महिला, 18 साल का युवक, 11 साल का बच्चा, 21 साल की युवती, 20 साल की युवती, 30 साल की युवती, 18 साल का युवक, 12 साल का बच्चा, 40 साल की महिला, 21 साल की युवती, 8 साल की बच्ची.. ये सभी देवास के गवली मोहल्ले के रहने वाले हैं। वहीं, दो अन्य बालोन टोंकखुर्द के रहने वाले हैं, जिनमें 32 और 35 साल के युवक शामिल हैं।
पति-पत्नी सहित चार पॉजिटिव
कन्नाैद के वार्ड क्रमांक - 14 में पति-पत्नी और टाकलीखेड़ा गांव की महिला और परिवार के ही चार लाेगाें की काेराेना रिपाेर्ट गुरुवार काे पाॅजिटिव आई। कन्नाैद बीएमओ डाॅ. विवेक अहिरवार ने बताया कि नगर में 12 जुलाई काे एक युवक की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई थी। इसके बाद उसके 50 साल के पिता और 45 साल की मां के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। गुरुवार काे आई रिपाेर्ट में माता-पिता दाेनाें भी पाॅजिटिव निकले। पति काे नगर के काेविड केयर सेंटर में रखा गया है। जबकि पत्नी काे सांस की तकलीफ हाेने पर तीन दिन पहले ही अमलतास अस्पताल देवास रैफर कर दिया गया था।
शहर में 9 नए मरीज, सभी संक्रमण चैन के शिकार
देवास शहर में गुरुवार काे 9 नए मरीज काेराेना पाॅजिटिव निकले। ये सभी संक्रमण की चैन के शिकार हैं। 5 कालानी बाग में रहने वाले एक ही परिवार के सदस्य, इटावा में 2 बहनें और 1 पड़ाेस में रहने वाली महिला और 1 युवक आवास नगर में रहने वाला भी संक्रमित हाे चुका है। अच्छी बात यह है कि 9 पाॅजिटिव मरीजाें काे रैपिड रिस्पांस टीम ने पहले से बालगढ़ स्थित छात्रावास क्वारैंटाइन सेंटर में रखा था। रिपाेर्ट पाॅजिटिव आने पर सभी काे उपचार के लिए अमलतास अस्पताल में भेजा गया है। टीम के अनुसार पांच दिन पहले कपड़ा बनाने वाली पाॅलीमार कंपनी में काम करना वाला युवक निवासी कालानी बाग की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई थी। उसकी तबीयत खराब हाेने पर उसने जिला अस्पताल में दिखाया था, जहां सैंपलिंग के बाद संक्रमित निकला।
20 साल की बहन भी पॉजिटिव
गुरुवार काे युवक के परिवार में 32 साल की पत्नी, 34 साल की भाभी, 11 साल की भतीजी, 12 साल का भतीजा व 85 साल की दादी भी संक्रमित निकली। माता, पिता, भाई व उसकी बच्ची की रिपाेर्ट निगेटिव आई है। इटावा में भी 11 साल का बालक संक्रमित हाे गया था, जिसे अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। टीम ने परिवार के सदस्याें के सैंपल लिए ताे 18 साल, 20 साल की बहन व पास में रहने वाली 45 साल की महिला भी पाॅजिटिव आई है। महिला की बहू पहले संक्रमित निकली थी, जिसके चलते परिवार के सदस्याें के सैंपल लिए गए थे।
24 साल के युवक की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव
इसके अलावा आवास नगर में रहने वाला 24 साल के युवक की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आने पर उसे अन्य मरीजाें की तरह अमलतास अस्पताल में भर्ती किया गया था। टीम ने बताया, पूर्व में आवास नगर में पिता-पुत्र संक्रमित हुए थे, पुत्र से कांटेक्ट हिस्ट्री जानी थी ताे उसने दाे दिन पहले अपना जन्मदिन दाेस्ताें के साथ मनाना बताया था। इसके बाद हमने उसके दाेस्ताें के सैंपल लिए ताे 7 में से 1 युवक संक्रमित निकला। युवक ने टीम काे बताया, हम सभी दाेस्ताें ने एक-दूसरे काे केक खिलाया था, जिस वजह से संक्रमण मुझे लग गया है। युवक के संक्रमित निकलने पर पिता काफी नाराज हुए। परिवार के सदस्याें काे क्वारैंटाइन सेंटर भेज दिया है।
9 अप्रैल को आया था पहला केस
देवास जिले में कोराेना का पहला मरीज 9 अप्रैल काे मिला था। 2 जून काे 100 पार हुए, 21 जून काे 200 और 16 जुलाई काे 300 हाे गया। पहले 100 मरीज 52 दिनाें में मिले। 100 से 200 हाेने में 19 दिन लगे। जबकि 200 से 300 हाेने में 25 दिन लगे। यानी पिछले 100 मरीज से 6 दिन ज्यादा लगे। यह राहत केवल 6 दिन की नहीं बल्कि सवा दाे गुना है। इसका कारण यह है कि 100 से 200 मरीज हुए, उस बीच राेजाना अाैसत 170 सैंपल लिए जा रहे थे। जबकि 200 से 300 मरीज हुए, इस बीच राेजाना औसतन 385 सैंपल लिए गए। यानी करीब सवा दाे गुना। सैंपलिंग दाे गुना ज्यादा हाेने के बाद भी 100 मरीज मिलने में 6 दिन ज्यादा लगे। यानी यह बड़ी राहत है।
अब 100 सैंपल पर एक ही मरीज मिल रहा, पहले 4 मिल रहे थे
- मरीज मिलने की दर में गिरावट आई है। पहले 100 मरीज में प्रत्येक 100 पर 4.7 मरीज मिले थे। दूसरे 100 मरीज में प्रत्येक 100 सैंपल पर 3.5 मरीज मिले। तीसरे 100 मरीज में प्रत्येक 100 सैंपल पर एक ही मरीज मिल रहा है।
- मृत्यु दर लगातार घट रही है। अब 3.3 प्रतिशत रह गई है। शुरुआत में 30 प्रतिशत थी। पहले 100 मरीज मिलने तक मृत्यु दर 8.7 थी। दूसरे 100 में 1 प्रतिशत रह गई। तीसरे 100 में एक भी मरीज की माैत नहीं हुई।