राजस्थान सियासी घमासान के बीच वायरल हुए ऑडियो पर विपक्ष और पायलट खेमें के भंवरलाल शर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीन पूनिया ने कहा कि कुर्सी का मोह औऱ कुर्सी बचाने की चाह कैसी होती है, ये कोई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सीखे। बड़ा अजीब नजारा था। अपना घर टूटता देखकर कोई विक्टरी का साइन बनाए। आपसी लड़ाई का मोहरा भाजपा को बताया जाए। सबसे पहले अपने घर की फिक्र की जानी चाहिए, लेकिन आरोप भाजपा और केंद्र के नेताओं पर। वहीं, आज जो कुछ हुआ उसने राजस्थान की राजनीति को शर्मसार किया है। मुख्यमंत्री निवास फर्जी ऑडियो का केंद्र बन जाए और नेताओं के चर्रित्र हरण का प्रयास हो। विधायक ने तो इसे नकारा ही है। वहीं, केंद्र नेताओं को इसमें घसीटने की कोशिश हुई है।
एक तरफ कोरोना के प्रहार ने राजस्थान के लोगों के बीच त्राही-त्राही मचाई है। वहीं, दूसरी तरफ सरकार रिसॉर्ट बंधक होकर फुटबॉल खेल रही है। ये समय है कि सरकार अफने विवेक से इस बात का आकलन करें। राजस्थान की तमाम गतिविधियां ठप है। संक्रमण बढ़ रहा है। ये पता नहीं लग रहा की सरकार है या नहीं। ऐसी संवैधानिक स्थिति पैदा हो गई है। अगर उन्हे पहले से सब पता था तो तमाम प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाए।
व्यक्तिगत निजता पर हमला
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सीएम के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा के द्वारा फर्जी ऑडियो जारी करने से ये सिद्द हो गया है कि मुख्यमंत्री की ओर से व्यक्तिगत निजता पर हमला जारी है। साथ ही बड़े स्तर पर फोन टैप कर व उन्हें अपभ्रंश कर जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है ये अत्यन्त शर्मनाक कृत्य है।
भंवरलाल शर्मा बोले- ऑडियो फर्जी
भंवरलाल शर्मा ने देर रात जारी किए वीडियो में कहा कि मुख्यमंत्री का ओएसडी लोकेश शर्मा जगह-जगह से विधायकों को दबाव में लेने के लिए फर्जी ऑडियो वायरल करा रहा है। ये फर्जी ऑडियो तैयार करवाया गया है। ये मेरी आवाज नहीं है। न ही मेरी किसी से बात हुई।