उत्तर प्रदेश के कानुपर में लैब टेक्नीशियन के अपहरण के मामले में किडनैपर्स पुलिस से दो कदम आगे निकले। गुजैनी के पास पुल से नीचे फेंका गया बैग लेकर किडनैपर्स निकल गए और पुलिस हाथ मलती रह गई। इससे पहले तो पुलिस इनकार करती रही। फिर बुधवार को कहानी गढ़ ली कि बैग तो फेंका गया पर उसमें रुपए नहीं कपड़े थे। परिजनों से इस पर बयान भी दिया दिया, जिससे देर शाम वे पलट गए।
एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बताया कि इस मामले में वायरल वीडियो पर उच्चाधिकारियों ने पीड़ित परिवार से बातचीत की। 30 लाख रुपए के स्रोत के बारे में पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने बताया कि बैग खाली था। उसमें कुछ कपड़े थे। परेशानी में उन्हें कुछ लोगों ने समझा दिया कि ऐसा कहेंगे तो संभव है कि जल्दी कार्रवाई हो जाए और उनका अपहृत बेटा सही सलामत वापस आ जाए। पुलिस टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द युवक मिल जाएगा।
कानपुर के बर्रा पांच निवासी पान दुकानदार चमनलाल यादव का इकलौता बेटा संजीत नौबस्ता स्थित एक निजी हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन है। वह 22 जून से ही लापता है। 23 जून को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अब तक उसका पता नहीं चला। 29 जून को फिरौती के लिए फोन आने पर अपहरण की जानकारी हुई। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड निकलवाया तो संजीत की बात घटना के दिन राहुल नाम के युवक से होने की जानकारी मिली। राहुल का उसकी बहन से रिश्ता तय हुआ था लेकिन किसी कारण से टूट गया था। इस पर राहुल के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
संजीत की बहन का आरोप है कि सोमवार रात तक किडनैपर्स के 30 लाख की फिरौती को लेकर दर्जनों फोन आए। सोमवार रात फिरौती की रकम पुलिस की निगरानी में किडनैपर्स को देने गए थे। फोन पर काफी देर तक बात होने के बाद ही उन्होंने पुलिस को इशारा कर बैग फेंका था। इससे संबंधित परिजनों का बयान भी वायरल हो गया।
किडनैपर्स ने पिता को खूब दौड़ाया
किडनैपर्स ने फिरौती की रकम लेने के लिए संजीत के पिता चमनलाल को खूब दौड़ाया। उन्होंने पहले चमनलाल को उन्नाव बुलाया। इसके बाद कहा कि वह कानपुर देहात पहुंचे। इस पर उन्होंने अपनी उम्र और रुपयों की सुरक्षा का हवाला देकर आने से मना कर दिया। इसके बाद बर्रा बाईपास, नौबस्ता और फिर फतेहपुर आने को कहा। आखिर में उन्होंने गुजैनी रेलवे लाइन स्थित हाईवे पर पहुंचने को कहा।
किडनैपर्स ने वायस चेंजर एप का किया प्रयोग
चमनलाल को फिरौती के लिए फोन करने वाले ने वायस चेंजर एप का प्रयोग किया था। किडनैपर्स और पीड़ित के बीच बातचीत की ऑडियो क्लिप बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो यह अंदाजा लगाया जा रहा है। फोन करने वाले की आवाज अलग तरह से भारी होकर आ रही थी। सामान्य तौर पर इतनी भारी और अजीब आवाज किसी इंसान की होना मुमकिन नहीं। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि वायस चेंजर एप्लीकेशन का उपयोग किया गया होगा। फिलहाल पुलिस दावा तो नहीं कर रही मगर इसकी सम्भावना से इनकार भी नहीं कर रही।
सरकारी कर्मचारी जैसी आवाज
वायरल ऑडियो क्लिप में किडनैपर्स कई जगह आप और फिर तुम का इस्तेमाल करते सुना जा सकता है। उसके बोलने के तरीके से किसी सरकारी विभाग का कर्मचारी लग रहा है। जांच में जुटे अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं। उनका कहना था कि इसके लिए भाषा विशेषज्ञ की भी मदद ली जाएगी।
खुलासे को एसटीएफ संग स्वाट टीम भी लगी
मंगलवार देर रात एसएसपी दिनेश कुमार पी बर्रा थाने पहुंचे थे। उन्होंने बर्रा पुलिस और परिजनों से पूछताछ की। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ के साथ ही स्वॉट टीम को भी लगाया है।
राहुल को पकड़वाया है उसे जाकर छुड़वा दो
सोमवार को अपहरणकर्ता रकम लेने आ रहे थे तो चमनलाल से फोन पर कहा कि तुमने राहुल को पकड़वा दिया है। जाओ पहले उसे जाकर थाने से छुड़वाओ फिर देखता हूं क्या हो सकता है।