सत्तरघाट पुल की सड़क उद्घाटन के 29 दिन बाद बुधवार शाम बह गई। गोपालगंज के बैकुंठपुर में गंडक नदी पर बने इस पुल का 16 जून को उद्घाटन हुआ था। बाढ़ के चलते गंडक नदी उफान पर है। पानी के दबाव से सत्तर घाट महासेतु पथ बह गया। यह पुल और सड़क गंडक की उप नदी सोती पर बनाए गए थे। करीब 20 फीट सड़क बह चुकी है।
तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने इसे भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा। एक ट्वीट में कहा- 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का 16 जून को नीतीश ने उद्घाटन किया था। 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।
कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लापरवाही की
बताया गया कि महासेतु की सड़क पर बने इस छोटे पुल के निर्माण के समय सोती के दोनों किनारे बोल्डर पिचिंग नहीं की गई। पुल व सड़क निर्माण कराने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही के कारण मुख्य सड़क पानी का दबाव बर्दाश्त नहीं कर सकी और महज छह घंटे में 15 मीटर चौड़ी सड़क 20 फीट की लंबाई में कट कर बह गई।
एसएच 90 को एसएच 27 से जोड़ता है यह रास्ता
गोपालगंज-पूर्वी चंपारण को जोड़ने वाला सत्तरघाट महासेतु और नए रास्ते के निर्माण पर 263.48 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 1440 मीटर लंबे और 15 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल को बनाने में 8 साल लगे। दोनों जिलों को जोड़ने के लिए 15 मीटर चौड़ा और 9.7 किमी लंबा एप्रोच रोड भी बनाया गया है।