कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि यह सुनकर हम स्तब्ध रह गए कि नेपाल जो भारत का विरोध करते-करते भगवान राम का विरोध करने लगा। उनके प्रधानमंत्री की बुद्धि क्या भ्रष्ट हो गई है। भारत देश में भाजपा ने राम पर जमकर राजनीति की। सुप्रीम कोर्ट से भी मंदिर के हक में फैसला अाया। मुझे लगता है कि चीन के बहकावे में आकर नेपाल के प्रधानमंत्री यह कह रहे हैं। पूरा संत समाज इसका विरोध करता है।
रामजी इनके यहां है ताे ये प्रमाण दें। वे हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी, आडवानी को इस मामले में टिप्पणी करनी चाहिए। नेपाल अब चीन के कहने पर चल रहा है। कोरोना महामारी खत्म होने तक उन्होंने यदि ये नहीं कहा कि रामजी अयोद्धया में ही जन्में थे, तो पूरा संत समाज हजारों की तादात में इनका विरोध करते हुए सड़ पर उतरेंगे।
जब आप सीता जी का संबंध रामजी से बिगाड़ना चाहते हो तो फिर भारत-नेपाल के संबंध कैसे अच्छे रहेंगे। नेपाली जो हमारे यहां रोजी-रोटी कमाने आते हैं, उन्हें संत समाज वापस उनके देश ही भेजेगा। उन्हें कहेंगे कि पहले जाओ और अपने प्रधानमंत्री को ठीक करो। यहां से कमाकर चीन के कहने पर चलोगे यह नहीं होगा।
यह कहा था नेपाल के प्रधानमंत्री ने
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बयान दिया है कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। उन्होंने यह भी कहा कि असली अयोध्या भारत में नहीं, नेपाल के बीरगंज में है। ओली अपने निवास पर भानु जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने भारत पर सांस्कृतिक दमन का आरोप भी लगाया। ओली ने कहा कि विज्ञान के लिए नेपाल के योगदान को हमेशा नजरंदाज किया गया।
बीरगंज के पास थी अयोध्या- ओली
ओली ने कहा- हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि हमने राजकुमार राम को सीता दी। लेकिन, हमने भगवान राम भी दिए। हमने राम अयोध्या से दिए, लेकिन भारत से नहीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या काठमांडू से 135 किलोमीटर दूर बीरगंज का एक छोटा सा गांव थोरी था। हमारा सांस्कृतिक दमन किया गया और तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है।