सुनील सिंह बघेल , डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) की टीम ने एक ऐसे परिसर का पता लगाया है जो बाहर से खंडहर जैसा है, लेकिन भीतर सिगरेट फिल्टर बनाने की ऐसी आधुनिक मशीन लगी हुई है जो 1 घंटे में एक लाख से ज्यादा फिल्टर बना सकती है। सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर-एफ में झुग्गी झोपड़ियों के सामने ऊंची दीवारों वाला एक खंडहरनुमा परिसर है।
अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया मशीन इतनी आधुनिक है कि दो लोग रोज चंद घंटे काम कर हर माह करोड़ों फिल्टर बना सकते हैं। काम इतने गुपचुप तरीके से हो रहा था कि फैक्टरी गेट के सामने रहने वालों को भी भनक नहीं थी। इस फिल्टर फैक्टरी के मिलने के बाद डीजीजीआई को ऑपरेशन कर्क की कई कड़ियां जोड़ने में मदद मिलेगी। कंपनी के कर्ताधर्ता को छापे की भनक लग चुकी थी। इसलिए जब टीम छापा मारने पहुंची तब न सिर्फ बाहर से ताला बंद मिला बल्कि भीतर से भी ताला लगा हुआ था।
एक ही सेक्टर में तीन अवैध प्रतिष्ठान, इंदौर कमिश्नरेट को भनक भी नहीं-
डीजीजीआई की टीम को विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज एलोरा टोबेको में ही करोड़ों की कर चोरी नहीं मिली है। इसी सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर एफ में, 1 किलोमीटर के दायरे में अब तक किशोर वाधवानी के कारोबार से जुड़े 3 अवैध प्रतिष्ठान और मिल चुके हैं। इसमें एक तीन मंजिला गोडाउन मे चल रही अवैध सिगरेट फैक्टरी भी शामिल है। इसके अलावा बसंत विहार के एक व्यापारी के गोदाम को गुटखा कारोबार के लिए किराए से ले रखा था। यहां भास्कर टीम को एक प्रेस का ऑन ड्यूटी पास लगा ट्रक भी मिला। सिगरेट फिल्टर प्लांट भी इसी अवैध फैक्टरी के पास ही है।