मुंबई: राजस्थान में पर्दे के पीछे 'ऑपरेशन लोटस' की आहट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी सरकार को लेकर सचेत हो गए हैं. उद्धव ठाकरे सरकार साथी दलों को एकजुट करने में लग गई है. उद्धव ठाकरे ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के साथ बीती रात लंबे दौर की बैठक की. इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस वक्त बहुत चौकन्ने हैं कि अगर राजस्थान में कोई राजनीतिक भूकंप आता है तो महाराष्ट्र में इसके झटके महसूस नहीं होने चाहिए. बैठक में राजस्थान के घटनाक्रम के संदर्भ में महत्वपूर्ण चर्चा हुई. राजस्थान सरकार संकट को लेकर इस बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना में बीजेपी पर सियासी वार भी किया गया है और शिवसेना ने बीजेपी पर विरोधी दलों की सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप जड़ा है.
दरअसल महाराष्ट्र सरकार में आपसी अनबन और टकराव के बीच बीजेपी के बयान आते रहते हैं. केंद्र में मोदी सरकार के साथी केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले द्वारा शरद पवार को एनडीए में आने का आमंत्रण देने की टाइमिंग पर भी सवाल खडे हो रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और एनसीपी इसको व्यक्त कर रहे हैं कि महाविकास अघाड़ी की सरकार चलाते समय तीनों दलों के बीच सामंजस्य होना चाहिए. इसी सिलसिले में बालासाहेब थोरात और अशोक चव्हाण ने भी मुख्यमंत्री के मातोश्री आवास पर मुलाकात की थी.
शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए एक इंटरव्यू में शरद पवार ने इस पर अपनी राय स्पष्ट रूप से कही थी. एक ही समय में तीनों दलों को लगता है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी मे संघर्ष को लेकर जो अस्थिरता के बादल घिर रहे हैं उन्हें कभी महाराष्ट्र नहीं आना चाहिए. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि बैठक में सरकार के कई मुद्दों पर चर्चा की गई. जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में एकमतता से पहले चर्चा और फिर निर्णय तीनों पक्षों के बीच समन्वय होना चाहिए.
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे सरकार अपने सियासी पैंतरों को भांजने में लग गई है. दरअसल मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में ऑपरेशन लोटस और उसके बाद महाराष्ट्र की कहीं बारी ना आ जाए इसी सियासी घबराहट से ठाकरे सरकार की चिंता बढ़ी हुई है.