रतलाम। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के संकट ने सबसे अधिक छोटा-छोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को प्रभावित किया लेकिन राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। इन्हें अपने रोजगार को चालू रखने और उसे बढ़ाने के लिए सहायता देने की योजना प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम निधि) योजना के क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसमें मध्यप्रदेश अव्वल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सब्जी का ठेला लगाने वाले, चाट की दुकान चलाने वाले, सिलाई कार्य से जुड़े वर्ग और चाय आदि की दुकान संचालित करने वाले लघु व्यवसायियों को योजना का अधिकाधिक लाभ दिया जाएगा ताकि ब्याज के बोझ से बचकर ये सभी अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें, परिवार की ठीक ढंग से गुजर बसर कर सकें। छोटा-छोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के पथ विक्रेताओं से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई आत्मीय बातचीत से स्ट्रीट वेंडर्स काफी खुश हुए अधिकांश ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को मामा कहकर ही संबोधित किया।
इस दौरान रतलाम एनआईसी कक्ष में शहरी पथ पर विक्रय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स आंबेडकर नगर की गीताबाई गोयल, अलकापुरी में सेलून की दुकान संचालित करने वाले कालूराम सेन, ग्राम पल्सोड़ी की सब्जी विक्रेता अनुराधा, आमलिया भेरू के अर्जुनसिंह, फल व्यवसायी अर्जुनसिंह तथा आंबेडकर नगर में चाय की दुकान चलने वाले बाबूलाल मईडा ने भी मुख्यमंत्री को सुना। निगम आयुक्त श्री सोमनाथ झारिया भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में योजना के अंतर्गत सभी पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स को परिचय पत्र देने की कार्रवाई पूर्ण की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना की निरंतर समीक्षा होगी। शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के साथ ही ग्रामीण स्टेट स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी 10 हजार की ब्याज मुक्त सहायता देने की योजना संचालित की जा रही है। समय पर ऋण चुकाने पर अगले वर्ष दुगनी राशि अर्थात 20 हजार की राशि स्वीकृत की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कई बार छोटे व्यवसाय में लगे व्यक्ति की कर्ज चुकाते-चुकाते जिंदगी बीत जाती है। इस योजना में हितग्राही को ऋण राशि एक साल में लौटाने की सुविधा रहेगी और ब्याज न लगने से सबके व्यवसाय को संजीवनी मिलेगी। लोन की गारंटी सरकार वहन करेगी। बहुत से व्यवसाई जो व्यवसाय बंद कर चुके थे अब वे फिर से अपना काम-धंधा शुरू कर सकेंगे।
हितग्राहियों ने कहा सरकार ने दिया हमें बड़ा सहारा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभिन्न जिलों के योजना में लाभान्वित हितग्राहियों से बातचीत की। अधिकांश लाभांवित हितग्राहियों का यही मानना था कि उन्हें संकट के समय सरकार ने बड़ा सहारा दिया है अनूपपुर की श्रीमती पूजा राठौर सिलाई कार्य करती हैं। उन्होंने इसी साल जनवरी महीने में 4 नई मशीन खरीदकर सिलाई कार्य प्रारंभ किया था। कभी यह अंदाज नहीं था कि कोरोना वायरस संकट आ जाएगा। श्रीमती पूजा ने बताया कि उसका व्यवसाय बंद हो गया। जमा पूंजी भी खत्म हो गई और वह कर्जदार हो गई। इस बीच राज्य सरकार की जीवन शक्ति योजना में उसने 200 मास्क बनाए, जिससे उसे 2200 रुपए की राशि मिल गई। प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में 10 हजार रुपए मिल जाने से वह फिर से अपना व्यवसाय शुरू कर पा रही है।
आगर के श्री पंकज यादव चश्मे और पर्स आदि बेचने का कार्य करते हैं। उन्हें भी योजना में राशि मिली है और अब वे बहुत खुश हैं कि काम-धंधा ठीक तरह से चल सकेगा। भोपाल के श्री संतोष जोशी सब्जी का ठेला लगाते हैं। लॉकडाउन की अवधि में वे हताश हो गए थे। अब उन्हें आशा है कि प्रतिदिन कम से कम 300 रुपए की बचत हो सकेगी। भिंड के श्री गोपाल भी सब्जी का व्यवसाय करते हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके कार्य को संचालित करने में अब दिक्कत नहीं आएगी।
दतिया जिले के भांडेर के निशू चौधरी चाट का ठेला लगाते हैं। इन्हें भी योजना में सहायता प्राप्त हुई है। रायसेन के लखन अहिरवार फल व्यवसाई हैं। इन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था और अब योजना का लाभ मिलने से पूरा परिवार खुश है कि गाड़ी पटरी पर आ जाएगी। मंदसौर के श्री जयकुमार चाय का ठेला लगाते हैं। उन्हें भी परिवार की आर्थिक तंगी से मुक्ति मिली है। मुरैना के श्री बाथम पाव भाजी का ठेला लगाते हैं। उनका मानना है कि अब व्यवसाय परिवर्तित कर फल की दुकान शुरू करेंगे जिसमें उन्हें ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। मुरैना के श्री विष्णु राठौर ऋण मिल जाने पर अब फल और सब्जी का ठेला लगायेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व में उनकी पोहे की दुकान थी। सरकार से मिली मदद से उन्हें काफी राहत मिली है उन्हें परिवार के लिए 3 माह का राशन भी मिला है। उज्जवला योजना में पत्नी के नाम रसोई गैस कनेक्शन और सिलेंडर मिल चुका है। अभी जून का राशन भी प्राप्त हो गया है। श्री विष्णु राठौर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को भावुक होकर बताया कि उन्हें प्राप्त सहायता से बहुत खुशी मिली है और पूरा यकीन है कि गाड़ी लाइन पर आ जाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव और अपर आयुक्त श्री स्वतंत्र सिंह उपस्थित थे।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
मध्यप्रदेश के 378 नगरीय निकायों में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोविड-19 के संकट में शहरी पथ व्यवसायियों का रोजगार प्रभावित होने पर उन्हें पुनः रोजगार से जोड़ने और स्थाई आजीविका का साधन उपलब्ध कराने के लिए योजना प्रारंभ की गई। भारत सरकार ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि( पीएम स्व निधि) योजना में शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रावधान किए हैं। ऐसे पथ विक्रेता जो 24 मार्च 2020 के पहले पथ विक्रेता रहे हो या कोरोना के कारण अन्य प्रदेश से अपने प्रदेश में लौट आए हो वे योजना में पात्र होंगे। शहरी क्षेत्र के नजदीक के ग्रामीण क्षेत्र के पथ विक्रेता जो शहर में कार्य करने आते हैं, वे भी योजना का लाभ ले सकेंगे। योजना में 1 साल के लिए 10 हजार की कार्यशील पूंजी प्रदान की जाएगी जो पूरी तरह ब्याज मुक्त होगी। इस ऋण राशि पर आने वाले ब्याज अनुदान का 7 प्रतिशत भारत सरकार और शेष राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। डिजिटल ट्रांजैक्शन पर साल में अधिकतम 1200 का विशेष अनुदान भी प्राप्त होगा। समय पर राशि का भुगतान करने पर हितग्राही अधिकतम 20 हजार रुपए की कार्यशील पूंजी आगामी वर्ष में प्राप्त कर सकेगा। हितग्राही को ओवरड्राफ्ट और सीसी लिमिट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। हितग्राही को ऑनलाइन आवेदन और ऑनलाइन ऋण मंजूरी की सुविधा दी गई है। सिर्फ 50 रुपए के स्टांप पेपर पर अनुबंध करने के निर्देश हैं। केंद्र सरकार ने पीएम स्व निधि योजना पोर्टल 2 जुलाई 2020 को लांच किया जिसमें राज्य शासन के प्रस्ताव पर राज्य के पंजीकृत असंगठित कामगारों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत किया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने 6 जून 2020 को मुख्यमंत्री शहरी संगठित कामगार एकीकृत पोर्टल तैयार किया था इसमें प्रदेश के नगरीय निकायों के करीब पौने नौ लाख पथ विक्रेता रजिस्टर्ड हुए।