मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में निर्दलीय, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा किया है। विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया ने कहा कि प्रदेश में भाजपा को निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों का समर्थन हासिल है।
उन्होंने कहा, ''लगभग सभी निर्दलीय विधायक हमारे साथ हैं। सपा और बसपा के विधायक पहले से ही हमारे साथ थे, फिलहाल वे यहां नहीं हैं लेकिन हमारी उनसे बात हो गई है। ये सभी विधायक प्रदेश में सकारात्मक राजनीति चाहते हैं।" भदौरिया ने कहा कि बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के विधायक बार-बार कह रहे थे कि वह कांग्रेस नेताओं से नहीं मिलता चाहते, लेकिन पार्टी के नेताओं ने जबदस्ती अंदर घुसने और विधायकों को ले जाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ''अब, तस्वीर साफ है। उन्हें अपना बहुमत साबित करने के लिए सदन में आना चाहिए था। विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे।" मध्यप्रदेश में दो सप्ताह लंबी चली राजनीतिक रस्साकशी में भदौरिया प्रमुख भूमिका में रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान कई मौकों पर उनका नाम लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु में बंदी बनाया गया है। बेंगलुरु से आई कई तस्वीरों में भदौरिया इन विधायकों के साथ दिखाई दिए थे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस सरकार में शामिल बालाघाट जिले से निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर भाजपा को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार (19 मार्च) रात को कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार (20 मार्च) दोपहर को राज्यपाल को त्यागपत्र सौंप दिया।