रतलाम। लंबे समय से बंद पड़ी यात्री टे्रनों से हुए घाटे को पूरा करने के लिए रेलवे इसकी गाज अपने ही कर्मचारियों पर गिराएगा। रेलवे में कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को मिलने वाले कई प्रकार के भत्तों पर इसी माह रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। इसमे रनिंग विभाग के कर्मचारियों को मिलने वाले किमी के भत्ते सहित अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान मिलने वाले टीए पर भी रोक लग जाएगी।
22 मार्च से रेलवे ने अपनी प्रमुख यात्री टे्रन को बंद किया हुआ है। हालांकि कुछ विशेष टे्रेन को चलाया है, लेकिन इससे घाटे की पुर्ति नहीं हो पा रही है। इसके अलावा नियमित रुप से माल लदान जो होता था, उसमे भी कमी मजदूरों की कमी होने से आई। इसके बाद अब रेलवे ने अपने घाटे को पूरा करने के लिए कई प्रकार के उन भत्तों को बंद करने का निर्णय लिया है जो रेल कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को दिए जाते है।
किमी भत्ते पर भी रोक
इस गाज का सबसे बड़ा असर रेलवे के गार्ड व इंजन चालक पर होगा। रेलवे प्रति किमी के अनुसार इस वर्ग को भत्ता देता है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि जब पहले से ही वेतन दिया जाता है तो अलग से भत्ता क्यों दिया जाए। इस समय मेल व एक्सपे्रस ट्रेन के चालक व गार्ड को 500 किमी तक की यात्रा पर करीब 530 रुपए का अलग से भत्ता दिया जाता है। इसमे ही 35 से लेकर 50 प्रतिशत तक कटौत्री करने की योजना है। इसके अलावा ओवर टाइम पर मिलने वाले भत्ते को भी कम करके 50 प्रतिशत करने की योजना है।
इन भत्तों पर रोक की तैयारी
रेलवे के कार्मिक व वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार यात्रा भत्ता, किलोमीटर भत्ता, परिवहन भत्ता, नॉन प्रेक्टिस भत्ता, बच्चों की पढ़ाई का भत्ता आदि को कम किया जाएगा। इसके अलावा अधिकारी जो निरीक्षण के लिए जाते है उस पर मिलने वाले भत्ता को भी कम या रोक लगाई जा रही है।
कड़ा संघर्ष किया जाएगा
रेलवे में घाटे से उबारने के लिए भत्ते बंद करने के बजाए जो व्यर्थ के व्यय किए जाते है उनको बंद कर दिया जाए तो ही रेलवे लाभ में आ जाए। अगर भत्ते बंद या कम किए गए तो कड़ा संघर्ष किया जाएगा।
- मनोहर बारोठ, मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन